बेंग्लूरू : कर्नाटक के करवाड़ में लकवाग्रस्त आनंद एक हफ्ते से अपनी मृत पत्नी के शव के पास बैठे थे। वह कुछ कर नहीं सकते थे, इसलिए वह किसी को सूचना भी नहीं दे सके। करवाड़ की केएचबी कॉलोनी में रहने वाले आनंद (60) और उनकी पत्नी गिरिजा (55) की कोई संतान नहीं है। वह अकेले रहते थे और गिरिजा पड़ोस के घरों में काम करके घर चलाती थीं। माना जा रहा है कि लगभग एक हफ्ते पहले गिरिजा की कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो गई। आनंद को गंभीर हालत में करवाड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक हफ्ते तक खाना और पानी न मिलने के कारण वह काफी कमजोर हो गए थे। गिरिजा के भाई सुब्रमण्या को जब एक हफ्ते तक गिरिजा का फोन नहीं गया तो उन्हें शक हुआ। वह गिरिजा के घर पहुंचे और बहुत खटखटाने पर भी जब दरवाजा नहीं खुला तो छत पर पहुंच उन्होंने अंदर झांका। उन्हें आनंद और गिरिजा कुर्सी पर बैठे दिखे। दोनों में कोई जान नहीं दिख रही थी। बाद में पुलिस ने गिरिजा का शव दरवाजा तोड़कर निकाला।