नयी दिल्ली : सरकार ने गृह मंत्रालय के स्थान पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को निर्भया फंड के लिए नोडल एजेंसी बना दिया है। गृह मंत्रालय 16 दिसंबर 2012 को हुए जघन्य सामूहिक बलात्कार कांड के बाद बनाए गए निर्भया कोष का महज एक प्रतिशत ही इस्तेमाल में ला पाया था। निर्भया कोष में कुल तीन हजार करोड़ रूपए हैं क्योंकि कोष बनाते समय एक हजार करोड़ रूपए की शुरूआती राशि के अलावा 2014-15 में और 2015-16 में एक-एक हजार करोड़ रूपए इस कोष में डाले गए थे। गृह मंत्रालय ने महज 200 करोड़ रूपए की योजनाओं को मंजूरी दी थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय जल्द ही इस कोष के तहत योजनाओं को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया की शुरूआत करेगा। इस कोष का गठन संप्रग सरकार ने वर्ष 2013 में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया था।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, चूंकि निर्भया कोष के तहत प्रस्तावों पर काम करने के लिए नोडल मंत्रालय अब हम हैं, इसलिए हम जल्द ही योजनाओं को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। अधिकारी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय विभिन्न प्रस्तावों की जांच के बाद महिलाओं की सुरक्षा एवं उनका समग्र कल्याण सुनिश्चित करने वाली परियोजनाएं और योजनाएं तैयार करेगा। पिछले सप्ताह सरकार ने इस कोष के सदुपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिनके अनुसार, देश में विभिन्न विभाग महिलाओं की सुरक्षा में सुधार लाने वाली योजनाओं के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से धन मांग सकते हैं।