अद्धयात्मजीवनशैली

मादा उल्लू ने गरुड़ को समझाई मां की ममता


एक बार एक मादा उल्लू के अहसान का बदला चुकाने के लिए गरुड़ ने उससे वादा किया कि वह उसके बच्चों को कभी नुकसान नहीं पहुंचाएगा। इस पर मादा उल्लू ने बड़ी उत्सुकता से पूछा कि ‘ यह कैसे पता चले कि तुम उनको किसी अन्य चिड़िया के बच्चे नहीं समझ लोगे।’ ‘ ऐसा करो तुम खुद ही बता दो कि तुम्हारे बच्चे कैसे दिखते हैं? ‘ गरुड़ ने कहा। मादा उल्लू ने अपने बच्चों के बारे में बताया कि ‘ वास्तव में वह दूसरी चिड़िया के बच्चों की तरह नहीं है। ‘ मादा उल्लू ने गर्व से सीना फूलाते हुए कहा कि ‘ वह बेहद नर्म है, गुदगुदे हैं और दुनिया के सबसे सुंदर बच्चे हैं। इतने सुंदर हैं कि इतने सुंदर बच्चे तुमने पहले कभी देखे नहीं होंगे। ‘ एक शाम गरुड़ को एक घोंसला मिला, जिसमें चिड़िया के कुछ बच्चे चिल्ला रहे थे। उन बच्चों के लाल मुंह खुले हुए थे। वह कुछ देर रुका और थोड़ी देर विचार करने के बाद खुद से बोला, ‘ जाहिर है यह उस उल्लू के बच्चे नहीं हो सकते हैं क्योंकि उस मादा उल्लू ने तो कहा था कि उसके बच्चे बेहद खूबसूरत है और ये बच्चे तो इतने सुंदर नहीं है ।’ इतना कहकर वह उन बच्चों पर टूट पड़ा और उनको मारकर खा गया।

मादा उल्लू जब लौटकर आई तो उसको अपने बच्चों के पंख, खून और चारों तरफ बिखरा हुआ मांस मिला। बच्चों को मरा हुआ पाकर वह काफी देर तक रोती रही फिर उसके मन में ख्याल आया कि आखिर गरुड़ अपना वादा कैसे भूल गया। मैने तो उसको बता दिया था कि मेरे बच्चे बहुत सुंदर है। थोड़ी देर बाद जब गरुड़ आता दिखाई दिया तो मादा उल्लू ने उससे शिकायत की। इस पर गरुड़ ने कहा कि ‘ तुमने तो कहा था कि तुम्हारे बच्चे बहुत सुंदर है? मादा उल्लू ने कहा कि ‘ सुंदर ही तो थे। किस मां के बच्चे सुंदर नहीं होते हैं।’

Related Articles

Back to top button