15 साल की उम्र में करने जा रहा पीएचडी, बच्चे की दीवानी हुई दुनिया
वाशिंगटन : भारतीय मूल के 15 साल के तनिष्क अब्राहम ने महज 12 साल की उम्र में ही ग्रेजुएशन की परीक्षा पास कर ली थी, अब 15 साल की उम्र में उन्होंने मिसाल कायम करते हुए डॉक्टरेट की पढ़ाई शुरू कर दी है। तनिष्क ने बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, डेविस से अधिकतम अंकों के साथ स्नातक की डिग्री हासिल की है। मीडिया से बातचीत में तनिष्क ने बताया कि जाहिर है कि ‘मैं बेहद उत्साहित हूं और मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है’। तनिष्क ने 6 साल की उम्र में अपने पिता बिजोऊ अब्राहम और माता ताजी अब्राहम से कॉलेज कोर्स में शामिल होने की इजाजत मांगी थी। शुरुआत में तो कोई प्रोफेसर उसे अपनी कक्षा में नहीं रखना चाहता था, क्योंकि तब तनिष्क बहुत छोटे थे। आखिरकार एक प्रोफेसर उसे अपनी कक्षा में रखने के लिए राजी हो गए और उन्हें कुछ ही दिनों में पता चल गया कि उनके पास एक टॉप स्टूडेंट है। तनिष्क के पिता एक सॉफ्टवेयर इंजीयनियर हैं और माता एक वेटेरिनरी डॉक्टर हैं, केरल से ताल्लुक रखने वाले तनिष्क के माता-पिता अब अमेरिका में जाकर बस गए हैं। माता-पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘तनिष्क बहुत जुनूनी है और हमें अब उसका और अधिक ख्याल रखना होगा’।
गौरतलब है कि तनिष्क ने एक ऐसा उपकरण बनाया है, जो जले हुए मरीजों के लिए बहुत मददगार साबित होगा। इस उपकरण का इस्तेमाल कर बिना छुए मरीज का हार्ड रेट नाप सकते हैं। तनिष्क का कहना है कि उसे कैंसर के इलाज के लिए नए ट्रीटमेंट की खोज करने में दिलचस्पी है। ऐसा नहीं है कि तनिष्क केवल पढ़ाई में ही अच्छे हैं, तनिष्क पियानो भी बहुत अच्छा बजा लेते हैं। इसके अलावा उन्हें चेस, टेबल टेनिस और टेनिस खेलना भी बहुत पसंद है। तनिष्क की उपलब्धियों के बारे में जितना कहा जाए उतनी ही कम है, तनिष्क की काबिलियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 9 साल की उम्र में नासा की कॉन्फ्रेंस में उन्हें स्पीकर के तौर पर बुलाया गया।