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बच्ची ने किया बड़ा खुलासा : देवरिया शेल्टर होम से ‘लग्जरी गाड़ियों में लोग आते और लड़कियों को ले जाते’


देवरिया : जिले में मां विंध्यवासिनी संरक्षण गृह में चल रहे देह व्यापार का खुलासा करने वाली 10 साल की मासूम ने जो कुछ भी पुलिस को बताया, वो होश फाख्ता करने वाला था। रविवार शाम को मासूम किसी तरह महिला थाने पहुंची और शेल्टर होम की करतूत का खुलासा किया, बच्ची जन्म से ही शेल्टर होम में रह रही है। उसने पुलिस को बताया कि रोज शाम चार बजे बड़ी-बड़ी गाड़ियों में लोग आते थे और 15 साल के ऊपर की लड़कियों को ले जाते थे। सुबह जब लड़कियां आती थीं तो वे कुछ नहीं बोलती थीं, बस वे रो रही होती थीं। इसके अलावा उन्हें दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछा जैसे तमाम घरेलू कामों के लिए भी भेजा जाता था। फिलहाल, पुलिस ने संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और पति मोहन को गिरफ्तार कर लिया है, बेटी कंचन लता त्रिपाठी की तलाश की जा रही है। मामले में पुलिस लड़कियों के बयान के आधार पर मानव तस्करी, देह व्यापार जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर रही है। मौके पर डीएम और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। संरक्षण गृह के हर कमरे की तलाशी ली जा रही है।

एसपी रोहन पी कनय ने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की रहने वाली 10 साल की मासूम जन्म से ही शेल्टर होम में रह रही थी, उसके जन्म के साथ ही मां की मौत हो गई थी। इसके बाद पिता ने उसे ननिहाल छोड़ दिया, लेकिन ननिहाल वालों ने भी उसे अपनी बेटी की मौत का जिम्मेदार मानते हुए शेल्टर होम के सुपुर्द कर दिया, तब से वह यहीं रह रही थी। उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली और वह कभी-कभी उससे मिलने आता था, वह शेल्टर होम को पैसे भी देता था। संरक्षण गृह की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोई भी अनैतिक काम नहीं हो रहा था, जो लड़कियां पुलिस के कब्जे में हैं, उनसे जो चाहें कहलवा लें। रजिस्टर में जितनी लड़कियां दर्ज हैं, मौके पर पुलिस को उतनी ही मिलीं, जहां तक संस्था की मान्यता की बात है तो वह ख़त्म नहीं की गई है। मान्यता स्थगित है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है। पुलिस का कहना है कि संरक्षण गृह से 24 लड़कियों को मुक्त कराया गया है, जबकि रजिस्टर में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं, 18 लड़कियों का पता लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने अभी हाल ही में बालिका गृहों के जांच के आदेश दिये थे।

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