सिंधु की बादशाहत में हर बार बाधा बनती हैं मारिन, 7वीं बार जीत का किताब करवाया अपने नाम दर्ज
नानजिंग : मारिन ने एकतरफा जीत दर्ज करते हुए यह मैच और वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब दोनों अपने नाम कर लिए। दोनों खिलाड़ियों के बीच यह 12वां मुकाबला था| वहीं मारिन ने 7वीं बार जीत दर्ज की है। जबकि अब तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम नहीं कर पाया है, लेकिन सिंधु लगातार दूसरी बार इस मिथक को तोड़ने का मौका मिला, लेकिन वह भी कामयाब नहीं हो पाईं। खेल शुरू होते ही पहले गेम में कैरोलिना मारिन ने पहले 2 पॉइंट अपने नाम किए।
इसके बाद सिंधु ने अपना पहला अंक हासिल किया और लगातार 4 अंक लेकर पहले गेम में अपनी बढ़त को 4-2 कर दिया। जबकि दोनों खिलाड़ी एक के बाद एक अंक अपने-अपने खाते में जोड़ रही थीं, और सिंधु लगातार अपनी बढ़त बनाए हुए थीं। लेकिन कैरोलिना ने पॉइंट्स का अंतर बढ़ने नहीं दिया। वहीं सिंधु ने अपना 11वां पॉइंट हासिल किया, तो कैरोलिना ने इसे चैंलेंज कर दिया। हालांकि टीवी व कैमरा में उनका यह चैलेंज खारिज हो गया और सिंधु को अंक मिल गया। इस तरह सिंधु ने 11-8 की बढ़त बना ली। एक समय सिंधु ने अपनी बढ़त को 12-8 तक पहुंचा दिया था, लेकिन यहां से मारिन ने वापसी की और 15-15 पर स्कोर की बराबरी कर ली। इसके बाद दोनों खिलाड़ी अगले कुछ अंकों तक एक-दूसरे के साथ कभी आगे पीछे होती रहीं और अंत में सिंधु 19-21 से पहला गेम हार गईं। वहीं दूसरे गेम में मारिन ने खेल में अपनी आक्रमता का स्तर और बढ़ा दिया, जिससे कारण स्कोर 0-5 हो गया। इसके बाद इस गेम में सिंधु ने अपना खाता खोला लेकिन उनके हक में कुछ भी जाता दिखाई नहीं दे रहा था। इस गेम में सिंधु मारिन से 1-7 से पिछड़ चुकी थीं, और फिर पॉइंट्स की तलाश में उन्होंने एक मौके पर चैलेंज भी लिया। लेकिन टीवी कैमरे में साफ हो गया कि शटल लाइन के बाहर गिरी है| उससे वह 2-9 से पिछड़ गईं। वहीं गेम में सिंधु जबतक 1 अंक लेती थीं, तब तक मारिन अपने खाते में 4 अंक जुटा लेती थीं। हालांकि 4-19 के स्कोर पर उन्होंने अपना दूसरा चैलेंज लिया, जो एक बार फिर बेकार गया और इस तरह सिंधू के दोनों चैलेंज खत्म हो गए। खेल के दूसरे गेम में मारिन पूरी तरह हावी थीं और सिंधु 4-17 से पिछड़ चुकी थीं।