करुणानिधि की एक झलक के लिए सड़कों पर उतरा हुजूम
तमिलनाडु : तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) चीफ एम. करुणानिधि नहीं रहे. उनके निधन के बाद तमिलनाडु समेत पूरे देश में शोक की लहर है. राज्य में एक दिन का अवकाश और सात दिन का शोक घोषित किया गया है. उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर रखा गया है. करुणानिधि को मरीना बीच पर उनके मेंटर अन्नादुरई के बगल में दफनाया जाएगा. दक्षिण भारत में सिनेमा से राजनीति में कदम रखने का ट्रेंड बहुत पुराना है. पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे डीएमके प्रमुख करुणानिधि भी ऐसे ही एक शख्स हैं. भारतीय राजनीति में करुणानिधि एक अलग ही पहचान रखते हैं. यही वजह है कि उनके अंतिम दर्शन के लिए समर्थकों का हुजूम उमड़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के निधन पर शोक जताया है. पीएम ने करुणानिधि को जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताया और कहा कि हमारे बीच से एक वरिष्ठ नेता चला गया है. प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं करुणानिधि जी के परिवार और उनके लाखों-करोड़ों समर्थकों के साथ हैं. भारत खासकर तमिलनाडु उन्हें बहुत ही याद करेगा. करुणानिधि जी की आत्मा को शांति मिले.’ इसके पहले एमके स्टालिन ने एक कविता के ज़रिये अपने पिता को श्रद्धांजलि दी. स्टालिन ने अपने ट्विटर हैंडल से तमिल में एक कविता पोस्ट की. उन्होंने लिखा- ‘मैं जिंदगीभर आपको लीडर कहता रहा, क्या आखिरी बार अप्पा (पापा) कहके पुकारूं?’ स्टालिन अपने पिता को थलाइवर (बॉस) कहा करते थे.