मानसून में पाचन से जुड़ीं ये समस्याएं कर सकती हैं परेशान, इन बातों का रखें खास ध्यान
गर्मी में पेट से जुड़ी कई परेशानियां सामने आती हैं. जैसे-जैसे मौसम गर्म होता है, हमारी लाइफस्टाइल और खानपान की आदतें बदलने लगती हैं. मौसम के बढ़े हुए तापमान से न केवल हमें पसीना ज्यादा होता है, बल्कि इससे हमारी प्रतिरक्षा शक्ति भी कमजोर होती है.
ऐसे में दूसरे किसी मौसम की तुलना में हमारे शरीर पर बैक्टिरिया और वायरस का अधिक आक्रमण होता है. हेल्थियंस की मेडीकल ऑफीसर डॉक्टर धृति वत्स बताती हैं कि दूसरे किसी मौसम की तुलना में गर्मी में खाना जल्दी खराब और होता है और बीमारी की वजह बनता है. उनका व चिकित्सकों का कहना है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, पेट के संक्रमण और अन्य परेशानियों के मामले करीब 45 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं.
गर्मियों में पेट की परेशानियों के सबसे ज्यादा शिकार ऐसे बच्चे या युवा होते हैं जो भोजन से पहले अपने हाथों को सही से साफ नहीं करते या बाहर का खाना खाते हैं, जो अनचाहे ही संक्रमित हो सकता है.
पाचन से जुड़ी अनियमितताओं के कुछ लक्षण-
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल यानी जठरांत्र से जुड़े किसी भी संक्रमण के गंभीर और सामान्य दोनों प्रकार के लक्षण हैं- पेट में सूजन, पेट में भारीपन, डकार, एसिडिटी, जी मिचलाना, सर्दी और खांसी के साथ बुखार, दस्त, उल्टी, डीहाइड्रेशन, त्वचा पर खुजली, खून के साथ दस्त, थकान, जीभ में कड़वाहट का अनुभव. पेट में संक्रमण के कारण लक्षण की तीव्रता और साथ ही लैब से कराई गई जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि किस वायरस से आपका पाचन तंत्र प्रभावित हुआ है.
गर्मियों के दौरान वातावरण के ऊंचे तापमान के चलते हमारे शरीर से बहुत ज्यादा पसीना निकलता है. पसीना निकलने के दौरान शरीर की ऊर्जा खर्च होती है और शरीर में मौजूद पानी की मात्रा भी कम हो जाती है. इससे शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर होती है. मौसम की गर्मी बैक्टीरिया और वायरस को दोगुना तेजी से बढ़ने में मदद करती है. भोजन जल्दी खराब हो जाता है और उसे खाने से बैक्टीरिया हमारे कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करते हैं और ऊपर बताए गए लक्षणों का कारण बनते हैं. गर्मियों में घर में बना हुआ बासी खाना भी इन संक्रमणों का कारण बन सकता है.