मेरठ : ग्रामीणों के बीच नेशनल हाईवे पर सकौती में आज सुबह खूनी संघर्ष हुआ। कपसाड़ में दो पक्षों में बवाल हुआ और जमकर पथराव-मारपीट हुई। इस दौरान कई घायल हो गए। दलित युवक द्वारा चार साल की बच्ची से रेप के प्रयास के बाद बुधवार शाम गांव में बवाल हुआ और ये मामला गुरुवार को और भी भड़क गया। दलित परिवारों का आरोप है कि वो शिकायत करने एडीजी के पास जा रहे थे और दूसरे पक्ष ने हमला कर दिया। वहीं दूसरी ओर इस मामले में पुलिस ने रेप के प्रयास के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। सरधना के कपसाड़ गांव में एक दलित युवक ने चार साल की बच्ची से रेप का प्रयास किया था। इस मामले की जानकारी के बाद ठाकुर बिरादरी के लोगों ने दलित बस्ती पर हमला बोल लिया था। इस दौरान पथराव और फायरिंग की गई। दोनों पक्षों से कुछ लोग घायल हुए थे। पुलिस और पीएसी फोर्स मौके पर पहुंची थी। घायल सरधना थाने पहुंचे थे और तहरीर दी गई थी।इस मामले में गुरुवार सुबह कुछ दलित परिवार ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर मेरठ एडीजी से शिकायत करने आ रहे थे। सकौती में नंगली गेट पर ही दूसरे पक्ष के दर्जनभर युवकों ने दलित परिवारों को रोक लिया और हमला बोल दिया। जमकर लाठी-डंडे और धारदार हथियार चले। पथराव भी किया गया। करीब 15 मिनट तक संघर्ष चला और सूचना पर पुलिस पहुंची। इस दौरान कुछ युवक भाग निकले। पुलिस ने एक पक्ष से केशव जाटव को और दूसरे पक्ष से घायल सचिन सोम को अस्पताल भर्ती कराया गया।
इस दौरान दलित पक्ष के लोग दौराला थाने पहुंचे और जमकर हंगामा किया। आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों के पास बुधवार रात हुए हमले में मामले में शिकायत करने जा रहे थे और आरोपियों ने दोबारा हमला कर दिया। इस दौरान वह थाने में ही धरना देकर बैठ गए। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर एसपी देहात से फोन पर बात कराई। एसपी देहात ने आश्वासन दिया कि अधिकारी गांव में आकर ही बात सुनेंगे। इसके बाद ग्रामीणों को वापस गांव भेजा। इसके बाद एसपी देहात, एसडीएम सरधना और सीओ फोर्स के साथ गांव पहुंचे। बच्ची से रेप का प्रयास करने वाले आरोपी रोहित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दोनों पक्षों को भी दी और समझौते के लिए प्रयास शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्षों के नेताओं से भी संपर्क किया गया। देर शाम तक पुलिस अधिकारी इस मामले में समझौते की जमीन तैयार करने में लगे रहे। सकौती में हुई भिड़ंत और बवाल के मामले में रात तक दोनों पक्षों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई। इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने भी यही प्रयास किया कि तहरीर की जगह समझौते से मामला सुलझा लिया जाए।