अद्धयात्म

किसी को भगवान की मूर्ति गिफ्ट करने से पहले ये जरूर पढ़ें !!

शुभ अवसरों पर तोहफे देने की प्रथा लंबे समय से चली आ रही है। अलग-अलग मौकों पर विभिन्न तरह के तोहफे दिए जाते हैं। लेकिन भगवान की मूर्ति एक ऐसा तोहफा होता है, जिसे किसी भी अवसर पर देना शुभ ही माना जाता है। किसी का गृहप्रवेश, जन्मदिन, एनिवर्सरी आदि हो तो गणेश जी की मूर्ति व शादियों में आमतौर पर राधा-कृष्ण दिए जाने का चलन है।
कुछ नियमों की बात:
इन्हें ना करें गणेश की मूर्ति गिफ्ट:
बेटी की शादी में उसे गणपति की मूर्ति देना अशुभ होता है। ऐसा इसलिए कि लक्ष्मी और गणेश हमेशा साथ होते हैं। यदि घर की लक्ष्मी के साथ गणेश को भी भेज देंगे तो घर की समृद्धि भी उनके साथ चली जाएगी।
सूंड की दिशा का महत्व:
दरअसल जिस दिशा में गणेश जी की नजरें होती हैं, उसे शुभ व जिधर पीठ होती है उसे अशुभ व नकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है।ऐसे में घर के बाहर गणेश जी लगाने का मतलब है कि उनकी शुभ नजरें तो पड़ोस या बाहर की तरफ है। इसलिए गणपति की मूर्ति को देवघर में ही रखा जाना चाहिए।
भगवान की मूर्ति:
भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले उनकी सूंड किस दिशा में है, ये जरूर देख लेना चाहिए। घर में रखने के लिए बायीं ओर सूंड वाले गणपति लाने चाहिए, क्योंकि इनकी पूजा-अर्चना आसानी से हो जाती है। 
साइज:
यदि गणेश जी की मूर्ति गिफ्ट कर रहे हैं, तो इसकी लंबाई 18 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए। गिफ्ट में देने के लिए बैठे हुए गणपति की मूर्ति सबसे सही होती है और उनके हाथ में मोदक व साथ में चूहा है तो और बेहतर।
भगवान की मूर्ति:
राधा और कृष्ण की मूर्ति तोहफे में देना वर्जित है। मगर कृष्ण की बांसुरी बजाती हुई, बालकृष्ण की मूर्ति या गाय के साथ वाली मूर्ति आप उपहार स्वरुप दे सकते हैं।

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