OMG! यहाँ निकाली जाती है जिन्दा व्यक्ति की अर्थी, वजह है बेहद दिलचस्प
जब भी अन्धविश्वास की बात की जाती जाती है तो सबसे पहले हमारे भारत देश का ही नाम लिया जाता है. क्यों की भारत में अन्धविश्वाश इस कदर फेला हुआ है की एक समय व्यक्ति डॉक्टर की बातो पर विश्वाश नहीं करेंगे लेकिन झाड फुक वाले ढोंगी बाबाओ पर अधिक विश्वाश करेंगे.
यह अन्धविश्वाश आज कल से नहीं बल्कि सदियों से चला आ रहा है. सदियों से हम तरह-तरह के अंधविश्वासों पर विश्वाश करते आ रहे है. हालाकि कुछ व्यती इस तरह की बातो पर विश्वाश नहीं करते है लेकिन सैकड़ों व्यक्ति इसे सच मानते है.
जब भी उन पर कई तरह की मुसीबते आती है तो वह तरह-तरह के प्रयोजन करने लग जाते है, उदाहरण के तोर पर यदि हम बारिश की बात करे तो इस पर भी व्यक्ति कई तरह के टोटके करने लग जाते है. जब कही बारिश नहीं होती है तो व्यक्ति सैकड़ों तरह के अन्धविश्वास के तरीके अपनाता है और बारिश को बुलाने कला प्रयास करता है.
आज भी कई गावों में बारिश बुलाने के टोटके किए जाते है. फिर हम इन्हें टोटका कहे या फिर लोगों की आस्था. वह तो लोगो की सोच पर निर्भर करता है. आज हम आपको भारत के दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में आज भी कई गाँवों में बारिश के लिए कई तरह के अन्धविश्वाशी तरीके अपनाये जात है. आपको जानकर हेरानी होगी लेकिन यह सच है की बारिश के लिए यहाँ पर जिन्दा व्यक्ति की अर्थी निकली जाती है.
आज भी मध्यप्रदेश के कुछ गाँवों में इस तरह की प्रथा काफी प्रचलित है, प्रथा के अनुसार यदि गाव में बारिश कम ओटी है या फिर बारिश नहीं होती है तो वहा के लोग बारिश को बुलाने के एक अर्थी को रीतिरिवाज के अनुसार सजाते है, और उस पर जिन्दा व्यक्ति को लेता कर पुरे गाँव में उस व्यक्ति की अतिम यात्रा को निकला जाता है जिसमे गाव के समस्त व्यक्ति समिल्लित होते है.
लोगो का ऐसा मानना है की ऐसा करने से इंद्रदेवता प्रसन्न होते है और गाव की परेशनी को समझते हुए वहा पर बारिश करते है.
इस तरह के और भी कई तरह के लोगो के पास तरीके मोजूद है जिसे वह करते है. अब हम इन्हें अन्धविश्वाश कहे यह फिर कुछ और लेकिन गाव वालो का इस तरह की बातो पर आज भी भरोसा है.