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नाइजीरिया से आए सबूत बने यूपी पुलिस की मुसीबत

up policeबरेली : ऑनलाइन ठगी का इंटरनेशनल नेटवर्क सुलझाने में जुटी क्राइम ब्रांच को नाइजीरिया से कई अहम सबूत मिल गए हैं लेकिन मुसीबत ये कि इसे पढ़े कौन। वजह, नाइजीरिया की पुलिस ने जो साक्ष्य भेजा है, वो वहां की स्थानीय भाषा में ही हैं। पूरी यूपी पुलिस में कोई ऐसा नहीं है जो नाइजीरिया से आए इन साक्ष्यों को पढ़ सके। ऐसे में क्राइम ब्रांच के लिए ये सबूत भी किसी पहेली से कम नहीं हैं। फिलहाल एसपी क्राइम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मदद मांगने की तैयारी की है। नाइजीरिया से आए इन साक्ष्यों से क्राइम ब्रांच को कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। लाटरी जीतने का मेल, एसएमएस कर लाखों-करोड़ों की ठगी करने वाले इंटरनेशनल साइबर ठगों का जाल देश के कोने-कोने में फैला हुआ है। अब तक डेनिस मिलर और क्लेमेंट ब्राउन दो इंटरनेशनल मास्टर माइंड का पर्दाफाश हो चुका है। बरेली में ही इंटरनेशनल रैकेट से जुड़े 5 ठग पकड़े जा चुके हैं। इसमें नाइजीरिया के मकवेमिना स्ट्रीट का नेम्डी किग्लेस अकोसा और दक्षिण अफ्रिका का मार्क सैमुअल के साथ ही बदायूं का हसमत अली, आनंद और संजीव शामिल हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद क्राइम ब्रांच ने डेनिस मिलर और क्लेमेंट ब्राउन की गिरफ्तारी के लिए नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की मदद से वाच आउट नोटिस भी जारी करवा दिया है। क्राइम ब्रांच ने एनसीआरबी के जरिए नाइजीरिया की पुलिस से भी संपर्क किया था और उनसे दोनों इंटरनेशनल गैंग के बारे में जानकारी मांगी थी।

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