नई दिल्ली : बिंदास ओडिसी डांसर प्रोतिमा के पिता दिल्ली के छोटे बनिया परिवार का ये सदस्य एक सांवली बंगाली महिला को ब्याह लाया, फिर परिवार ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद वह गोवा, मुंबई से लेकर तमाम जगहों पर घूमते रहे, कई बिजनेस करने की कोशिश की लेकिन कुछ भी ढंग से नहीं चला। प्रोतिमा तीन बहनों और एक भाई के बीच दूसरे नंबर की संतान थीं, अपनी मनमर्जी से चलने वाली। पिता जितनी कड़ाई करते, विद्रोह उतना प्रबल हो जाता, जीवन में कुछ सीक्रेट रखना उनके लिए मानो गुनाह था। उन्होंने बेटे सिद्धार्थ से भी शक जाहिर किया कि वो अाश्वस्त नहीं हैं कि उसका बाप कौन है-तत्कालीन पति कबीर बेदी या युवा जर्मन प्रेमी। सिद्धार्थ बाद में सीजोफ्रेनिया का शिकार हुआ, फिर अमेरिका में खुदकुशी कर ली। 60 के दशक में हिरनी सी बड़ी-बड़ी आंखों वाली प्रोतिमा ने हमेशा के लिए घर छोड़ दिया और मुंबई में मॉडलिंग करने लगीं। उम्र रही होगी यही कोई 17-18 साल। जुहू बीच पर न्यूड रनिंग के लिए सुर्खियों में रहीं, तभी खबर आई कि वो कबीर बेदी के साथ रहने लगी हैं।
19 साल की उम्र में जब प्रोतिमा गर्भवती हुईं तो दोनों ने शादी करने का फैसला किया। पूजा का जन्म हुआ, हालांकि शादी और बच्चे के जिंदगी में आने के बाद भी न कबीर बदले थे और न प्रोतिमा। कबीर ग्रीक गॉड की तरह थे, लंबे और किलर स्माइल के साथ चमकती आंखों वाले। प्रोतिमा ने अपनी किताब “टाइम पास” में लिखा, वो कबीर पर मोहित थीं लेकिन वो ध्यान नहीं दे रहे थे। एक डिनर पार्टी में जब दोनों ने साथ में जाम खनकनाए तो एक दूसरे की बाहों में पहुंच गए, उसी रात कबीर उनके प्यार में पागल हो गए। प्रोतिमा बहुत जल्दी कबीर के फ्लैट में शिफ्ट हो गईं। प्रोतिमा लिखती हैं, उन्हें तो ये सब अच्छा लग रहा था, बस शादी नहीं हुई थी बाकी जीवन तो वैसा ही था। दोनों में किसी का इरादा शादी का नहीं था, पूजा जब गर्भ में आ गई तो कबीर ने कहा कि अब उन्हें शादी कर लेनी चाहिए। कबीर तब स्ट्रगलिंग एक्टर थे, प्रोतिमा वाइल्ड तौरतरीकों से जानी मानी मॉडल बन चुकी थीं। जब कबीर को फिल्मों में पहचान मिलने लगी तो रिश्तों में दरार दिखने लगी, कबीर के संबंधों की चर्चाएं जीनत अमान से लेकर परवीन बॉबी तक से होने लगीं। इससे कलह शुरू हो गई। कबीर इस बीच शूटिंग के लिए कई महीनों के लिए बाहर चले गए, पूजा जब आठ महीने की थीं तभी प्रोतिमा के जीवन में नया प्रेमी आया। पड़ोस में रहने वाला एक युवा जर्मन पुरुष। इस जर्मन का नाम था सिगफ्रेड किएंजेल, ये 1971 की बात थी।
प्रोतिमा का मिस कैरिज हुआ था। कबीर फिल्मों की शूटिंग के लिए बाहर थे, सिगफ्रेड मुंबई में कंपनी के काम के सिलसिले में तैनात था। प्रोतिमा ने पहली बार जब खिड़की से उसे मार्निंग जॉगिंग करते हुए देखा तो उसकी सुनहरी त्वचा सूरज की रोशनी में दमक रही थी। प्रोतिमा ने अपने दिल को उसके लिए धड़कता महसूस किया। होली ने पास आने का एक मौका दिया, फिर प्रोतिमा, गोद में पूजा और फ्रेड साथ बाहर जाने लगे। कभी स्विमिंग, कभी पिकनिक और कभी कुछ और। फ्रेड अक्सर पूजा को पीठ पर लटकाए होता, प्रोतिमा फ्रेड पर मोहित थीं। प्रोतिमा ने “टाइमपास” में लिखा, शुरू में हमारे बीच चुंबन, आलिंगन और स्पर्श से ज्यादा कुछ नहीं था लेकिन एक दिन बांध टूट गया, फिर तो हम सुबह, शाम और रात जब समय मिलता-एक दूसरे के प्यार में होते। जब कबीर शूटिंग से वापस लौटे तो प्रोतिमा को लगा कि फ्रेड के साथ खुशहाल जिंदगी में ये कौन घुस आया है। कबीर ने जब उन्हें मनाया तो फ्रेड की विदाई हो गई। कबीर से रिश्ता जब टूटा तो प्रोतिमा ने ओडिसी डांस सीखने में लग गईं। उस दौरान पंडित जसराज डांस बैले गीत गोविंदा की तैयारी में लगे थे। प्रोतिमा तभी उनसे मिलीं, कुछ था जो उन्हें जसराज की ओर खींचने लगा।
जसराज परिवार के करीब आकर वो मां काली की उपासक बन गईं। ये रोमांस पांच साल चला, इस साथ ने प्रोतिमा काफी बदला। वो साड़ी, गजरा और बड़ी बिंदी में दिखने लगीं। पंडित जसराज उन्हें लेकर खासे पजेसिव थे। यद्यपि वो विवाहित थे लेकिन चाहते थे प्रोतिमा ज्यादा से ज्यादा समय उन्हें दें। प्रोतिमा को दिक्कत होने लगी, धीरे-धीरे इन संबंधों से दूर हो गई। उधर, रजनी पटेल की जिंदगी में जब प्रोतिमा आईं, तब वो कैंसर से जूझ रहे थे। जानेमाने वकील और कांग्रेस नेता रजनी उन्हें इतने भाये कि दोनों एक दूसरे के दिल के करीब हो गए। काफी समय साथ गुजरने लगा, साथ खाना, सोना और रहना। प्रोतिमा ने “टाइमपास” में लिखा, ये उनकी जिंदगी के सबसे शानदार दिन थे, रजनी गजब के लवर थे। वो लिखती हैं, रजनी ने उन्हें एक औरत होने का असली अहसास कराया। रजनी ने एक दिन प्रोतिमा से पूछा क्या वो मुंबई की मेयर बनना चाहेंगी, वो लिखती हैं, रजनी के लिए ये मुश्किल नहीं था, वो ऐसा करा भी देते, आखिर उन्होंने तब शरद पवार को मुख्यमंत्री बनाने में मुख्य भूमिका अदा की थी। जल्दी ही रजनी की पत्नी बकुल को अफेयर की भनक लग गई। नतीजतन ये हुआ कि रजनी को प्रोतिमा से दूरी बनानी पडी, इसके बाद भी रजनी से उनके प्रेम संबंध बने रहे, रजनी जब मृत्य के करीब थे, तब भी वो प्रोतिमा को अस्पताल से लव लेटर लिखते थे। जब रजनी का निधन हुआ तो प्रोतिमा उनके अंतिम संस्कार में गईं। रजनी के परिवार ने उनकी उपेक्षा की लेकिन प्रोतिमा को कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने किताब में लिखा, मेरे दा तो मेरे साथ ही हैं, मैं यहां से अपने दा को साथ ले जा रही हूं, मैं हमेशा से उनकी रही हूं, मुझे अब किसी चीज की जरूरत नहीं।
कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री रहे वसंत साठे भी उनकी जिंदगी में आए। अवसर था खजुराहो डांस फेस्टिवल, तब वो प्रोतिमा की शख्सियत और आंखों के कायल हो गए। साठे ने अगर प्रोतिमा के साथ संबंधों से इनकार किया तो प्रोतिमा ने जरूर कुछ अंतरंग क्षणों के बारे में लिखा। प्रोतिमा ने लिखा, एक मौका ऐसा आया जब वो उनका चुंबन लेना चाहते थे। उन्होंने आलिंगनबद्ध किया हुआ था लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहती थी, मनु (साठे) मान गए, हम बाद में भी अच्छे दोस्त बने रहे। जब प्रोतिमा एक डांसर के रूप में फीकी पड़ने लगीं, तब मार्क जुबेर से मिलीं, मार्क से दोस्ती कुछ आगे भी बढ़ी लेकिन जल्दी ही जुदा हो गए। तभी वो अचानक बिजनेसमैन मारियो क्रुफ से मिलीं, वो लिखती हैं, उसमें कुछ ऐसा था कि मैं तुरंत उससे प्यार कर बैठी। हमारे बीच शानदार संबंध बने। कुछ बहुत अच्छा मैंने पाया और दिया…मैं चाहती हूं कि वो इसी तरह मेरा बना रहे। पत्नी और बच्चों से भी रिश्ते बनाए रखे।
हालांकि मारियो ने पत्नी को तलाक दे दिया था। वो साथ रहने की प्लानिंग कर रहे थे। लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि सब खत्म हो गया। प्रोतिमा अपने जीवन में हमेशा पूरा पुरुष तलाशती रहीं, बदले में आधा हासिल होता रहा, उन्हें ऐसे प्रेमी मिले, जिनका पहले से अपना परिवार था…वो एक समय बाद अपनी बीवी के पास लौट गए। हालांकि उनकी जिंदगी में आए सभी पुरुष अपने अपने क्षेत्रों की नामी शख्सियत थे। प्रोतिमा की जिंदगी पुरुषों के अलावा शराब और ड्रग्स के नाम भी रही। बाद में उन्होंने खुद को कर्नाटक में डांस विलेज नृत्यग्राम बनाने में व्यस्त कर दिया। जब उनके बेटे ने जिंदगी खत्म की वो सिर के बाल मूंडवाकर वो संन्यासिन बन गईं। 18 अगस्त 1998 का दिन था, प्रोतिमा कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर थीं जहाँ एक भूस्खलन ने उनकी जिंदगी ले ली।