कलयुग के अंत में कैसी होगी मनुष्य की हालत? सामने आया चौंका देना वाला सच
हिंदू मान्यताओं की मानें तो कलयुग अभी छोटा बच्चा है, अभी इसे बड़ा होना बाकी है. इसका मतलब यह है कि कलयुग आने वाले कई हजारों सालों तक यूंही चलेगा. अभी हम जिस चरण में जी रहे हैं वह कलयुग का प्रथम चरण है. इस युग की शुरुवात ईसा से लगभग 3102 पहले हुई थी. दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में पाप लगातार बढ़ेगा और लोग जम कर पाप करेंगे. कलयुग को लेकर हर व्यक्ति के दिमाग में कई तरह की बातें आती हैं. कहते हैं जब इस दुनिया में पाप अपने चरम पर पहुंच जाएगा तब धरती पर जलजला आएगा और देखते ही देखते सारी पृथ्वी तबाह हो जायेगी. आप जानना चाहते हैं कि कलयुग के अंत में क्या होगा? तो आईये हम आपको बताते हैं कुछ संभव परिणाम.
20 साल की उम्र में मर जाएंगे लोग
तब मनुष्य की उम्र केवल 20 साल ही रह जायेगी. 16 साल की उम्र में लोग बूढ़े होने शुरू हो जायेंगे और 20 साल तक पहुंचते-पहुंचते उनकी मृत्यु हो जायेगी. हिंदू धर्म की कई किताबों और ग्रंथों में इस बात का ज़िक्र किया गया है. कलयुग के आखरी चरण में लोगों की उम्र लगातार घटती रहेगी और बहुत ही कम उम्र में मौत आ जायेगी.
मांस मछली खाएंगे लोग
दावा किया जा रहा है कि कलयुग का अंत
आते-आते धरती पर कुछ भी उगना मुश्किल या फिर बंद हो जाएगा. इसलिए सारे लोग मांसाहारी हो जाएंगे. उन्हें मांस-मछ्ली खाकर ही अपना जीवन गुज़ारना होगा. गाय-भैंस दूध देना बंद कर देगी जिसकी वजह से उन्हें बकरी का दूध पीना पड़ेगा. इतना ही नहीं, पेड़ों में फल-फूल भी लगने बंद हो जाएंगे. इंसान धीरे-धीरे नरभक्षी हो जाएगा.
महाप्रलय का आना तय
धीरे-धीरे कलयुग की तरफ बढ़ने पर
महाप्रलय नज़दीक आ जाएगा. इस बात का ज़िक्र गीता और महाभारत में भी किया गया है. बहुत लंबे समय तक सूखा पड़ेगा और बाद में मूसलाधार बारिश होगी. बारिश इतनी ज़्यादा होगी कि धरती जलमग्न हो जायेगी और इसी बारिश और बाढ़ में लोग डूबकर मर जायेंगे. कलयुग के अंत में इतना भयंकर भूकंप और तूफ़ान आएगा कि इंसानों और जानवरों का नामोनिशां मिट जाएगा. एक साथ 12 सूरज निकलेंगे जिसकी गर्मी से धरती सूख जायेगी.
कई ग्रंथों के अनुसार धरती का विनाश पानी से नहीं बल्कि गर्मी से होगा. धरती का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि सातों समुद्र और नदियां सूख जाएंगी. संवर्तक नाम की गर्मी पृथ्वी को तबाह कर देगी और लोग इस गर्मी से भस्म हो जाएंगे. वैसे तो हर ग्रंथ में अलग-अलग बातें लिखी गयी हैं. पर एक बात का ज़िक्र सभी ग्रंथों में किया गया है कि पृथ्वी का विनाश निश्चित है. कलयुग के अंत में महाप्रलय आना तय है