ब्रेकिंग: आतंकी मसूद अजहर पर अतंरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की भारत करेगा मांग
सरकार का मानना है कि अजहर का मुद्दा इमरान खान की सरकार के लिए भी एक परीक्षण होगा क्योंकि खान ने कहा था कि यदि भारत रिश्तों को सुधारने के लिए एक कदम आगे बढ़ता है तो वह दो कदम आगे बढ़ाएंगे। संयुक्त राष्ट्र में चीन के अड़ंगे के बाद भारत ने कोई नया प्रस्ताव पेश नहीं किया है। पिछले साल चीन ने अमेरिका के प्रस्ताव का विरोध किया था। पिछले साल अमेरिका ने भारत को आश्वस्त किया था कि वह बीजिंग से बात करके पाकिस्तान बेस्ड अजहर के विरोध को छोड़ने के लिए कहेगा।
भारत और अमेरिका के बीच बहुत समय से लंबित टू प्लस टू वार्ता अगले हफ्ते होने वाला है। इसके लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भारत आएंगे। दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा समझौतों को लेकर द्वीपक्षीय वार्ता होगी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के स्थायी सदस्य होने की वजह से चीन ने पिछले साल अमेरिका द्वारा मसूद अजहर को अतंरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने के संयुक्त राष्ट्र में पेश किए प्रस्ताव का विरोध किया और फिर उसे ब्लॉक कर दिया था।
चीन के इस कदम के बाद भारत अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर चुपचाप काम कर रहा है। भारत इन सभी देशों के जरिए चीन को इस बात के लिए मनाना चाहता है कि अजहर पर प्रतिबंध लगाने से आतंकवाद के प्रति दृष्टिकोण में फर्क आएगा। वहीं आतंकी के संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर संयुक्त राष्ट्र ने पहले से ही प्रतिबंध लगाया हुआ है।
भारत और अमेरिका ने पिछले साल घरेलू और अतंरराष्ट्रीय आतंकवाद को लेकर एक नया परामर्श तंत्र स्थापित किया था। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित 3 पाकिस्तानी नागरिकों को वैश्विक आतंकवादी करार दिया था। भारत ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा था कि इससे इस बात का पता चलता है कि वैश्विक आतंकी पाकिस्तान से संचालित हो रहे हैं। भारत और अमेरिका मिलकर इस बात को सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि अतंरराष्ट्रीय आतंकियों को यूएनएससी की लिस्ट में शामिल किया जाए।