ऑफिस देर पहुँचने पर उत्तर प्रदेश वाले बनाते हैं तरह-तरह के बहाने
कार्यालय पहुंचने में अक्सर देर हो जाती है, कई बार मजबूरी भी होती है, लेकिन अगर यह रोज होने लगे तो साफ है कि जान बूझकर लेट लतीफी की जा रही है। यही कुछ हाल है उत्तर प्रदेश के ज्यादातर कर्मचारियों का, जो दफ्तर देर से जाते ही हैं साथ में स्पष्टीकरण में भी कुछ ऐसी वजह बताते हैं कि हंसी आ जाए। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर के दफ्तर में काम करने वाले एक कर्मचारी ने ऑफिस देरी से पहुंचने पर अपना लिखित स्पष्टीकरण दिया है। इस कर्मचारी ने लेट आने के पीछे अपनी पत्नी की सेवा में लगा रहना बताया है। कर्मचारी की लिखित स्पष्टीकरण को पढ़कर अधिकारी भी हक्के-बक्के रह गए।
कर्मचारी ने लिखा, साहब पत्नी की तबीयत खराब रहती है। उसका शरीर दर्द करता है तो हाथ पैर भी दबाने पड़ते हैं। इसलिए खाना मुझे ही बनाना पड़ता है। रोटी बनाना सीख रहा हूं। कभी-कभी रोटियां जल जाती हैं। जिस पर पत्नी नाराज होती है। आज-कल मैं दलिया बनाकर खा रहा हूं। मेरे इलाके की सड़कों पर बहुत गड्ढे हैं। कभी इनके कारण तो कभी जाम के कारण ऑफिस देरी से पहुंचता हूं। इस सफाई पर अधिकारी के माथे पर बल पड़ गए तो उनहोंने सख्ती और एक्शन करने के बजाय मानवीय रुख अपनाने का फैसला लिया। स्पष्टीकरण में कर्मचारी ने अपने अधिकारी से अनुरोध किया है कि सुबह वह पत्नी की सेवा जल्दी करके कार्यालय के लिए निकलेगा। बाकी आप खुद समझदार हैं। अधिकारी ने कर्मचारी पर दया तो दिखाई है लेकिन देर से आने वाले कर्मचारियों की फेहरिस्त यूपी में बेहद लम्बी है।
लखनऊ में निजी कम्पनी में कार्य करने वाले एक युवक ने बताया कि छुट्टी के लिए कई बार मैं अपनी दादी और दादा को कई बार मार चुका हूं, जबकि वह कई साल पहले से ही इस दुनिया में नहीं हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक प्राइवेट कर्मी ने बताया कि मैं कार्यालय में छुट्टी लेने के लिए अक्सर बीमारी का बहाना बनाता हूं, कभी मम्मी, पापा तो कभी रिश्तेदारों की तो कभी स्वयं की तबियत खराब बताकर छुट्टी बड़ी आसानी से मिल जाती है। लेकिन दूसरी तरफ कुछ कर्मियों का कहना है कि इन झूठे बहानों से ईमानदार कर्मियों पर भी शक किया जाता है।