आजकल खूब चलन में है ऑर्गैज्मिक योग
ऑर्गैज्मिक योग जिसे योगैज्म भी कहते हैं, एक ऐसा टर्म है जो पिछले कुछ दिनों से चलन में है। लेकिन इससे पहले कि आप इस नाम को सुनते ही तुरंत किसी नतीजे पर पहुंचें हम आपको बता दें कि इसमें सिर्फ योग के जरिए ऑर्गैज्म हासिल नहीं किया जाता बल्कि इससे कहीं ज्यादा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो ऑर्गैज्मिक योग का मकसद अपनी सेक्शुऐलिटी को एक्सप्लोर करना है। सेक्शुअल उत्तेजना हासिल करने के लिए किए गए इस योग के जरिए इंटिमेट और सुखदायक एक्सपीरियंस हासिल किया जा सकता है। अपनी सेक्शुअल क्षमता को और आगे बढ़ाने के मकसद से कुछ महिलाएं इस योग की प्रैक्टिस करती हैं। ऑर्गैज्मिक योग इस टर्म की शुरुआत तब हुई जब अमेरिका की आंत्रेप्रेन्यॉर, ऑथर और टेडएक्स स्पीकर निकोल डेडोन ने इस सचेतन प्रैक्टिस को अमेरिका में इंट्रोड्यूस किया। सिंपल शब्दों में कहें तो इस तरह के योग का मकसद योग के जरिए अपने शरीर की इरॉटिक क्षमताओं को दोबारा हासिल करना है।
कुछ देशों में ऑर्गैज्मिक योग या ऑर्गैज्मिक मेडिटेशन को ग्रुप में भी प्रैक्टिस किया जाता है ताकि लोगों के बीच अपनी सेक्शुऐलिटी को स्वीकार्य बनाया जा सके। इस तरह के योग से कपल्स को भी फायदा हो सकता है। इसके जरिए दोनों पार्टनर अपनी सेक्शुअल फीलिंग को फिर से रीडिस्कवर कर सकते हैं। ऑर्गैज्मिक मेडिटेशन प्रैक्टिस करने वाले एक्सपर्ट्स की मानें तो इस इरॉटिक योग प्रैक्टिस में इतनी शक्ति है कि आप अपने जीवन को बदल सकते हैं। लिहाजा ऐसा बिलकुल न सोचें कि इसके माध्यम से आप सिर्फ बेहतरीन ऑर्गैज्म हासिल कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जिस तरह मास्टरबेशन की वजह से स्ट्रेस कम होता है और इंसान रिलैक्स महसूस करता है ठीक उसी तरह ऑर्गैज्मिक योग के दौरान भी जो एनर्जी रिलीज होती है वह इतनी ज्यादा होती है कि आपका स्ट्रेस कम हो जाता है। हालांकि सेक्स थेरपिस्ट से पूछे बिना ऑर्गैज्मिक योग को प्रैक्टिस न करें।