बिस्वजीत ने बताया कि दूसरी मुलाकात के बाद लड़की सहज हो गई और कभी-कभार उन्हें देखकर मुस्कुरा रही थी। उसने अपना फोन नंबर देने की भी कोशिश की मगर माता-पिता के पास बैठे होने की वजह से ऐसा कर नहीं पाई। अब उस लड़की को ढूंढ़ने के लिए बिस्वजीत ने कोन्नगर से लेकर बाली तक के रास्ते में कुल 4000 पोस्टर लगाए हैं। उसमें उन्होंने अपना नाम, पता और फोन नंबर भी लिखा ताकि जब भी वह लड़की उन पोस्टर्स को देखे, फौरन उनसे कॉन्टैक्ट कर सके।
प्यार का इजहार करने के लिए पोस्टर चिपाकाकर और फिल्म बनाकर बिस्वजीत ने कोई जुर्म नहीं किया है। चूंकि उन्हें उस लड़की का नाम नहीं पता उन्होंने पोस्टर पर उसका नाम नहीं लिखा। इस लिहाज से उन्होंने किसी भी प्रकार लड़की की निजता का हनन नहीं किया। यूट्यूब पर उन्होंने जो फिल्म शेयर की है उसका नाम ‘कोन्नगर कोन’ है जिसका मतलब कोन्नागर की दुल्हन है।