‘मेक इन इंडिया’ के तहत चीनी निवेशकों को दिया न्योता
शंघाई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और चीन के बीच मजबूत एवं व्यापक साझेदारी पर बल देते हुए आज कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी एशिया के आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। मोदी ने चीन की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के आखिरी दिन आज भारत चीन व्यावसायिक मंच की बैठक में दोनों देशों की कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों में विकास की मजबूत संभावनाएं हैं और दोनों के सामने गरीबी की समस्याए हैं, जिससे हम मिलकर निपट सकते हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से सहयोग की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध हूं। प्रधानमंत्री ने एशिया की इन दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच ठोस संबंध के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी इस महाद्वीप के आर्थिक विकास एवं राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चीन और भारत के बीच औद्योगिकी क्षेत्र में भागीदारी से दोनों देशों में निवेश और रोजगार बढ़ेगा और लोगों की संतुष्टि में सुधार होगा। इस अवसर पर, भारत और चीन की कंपनियों के बीच कुल 22 अरब डालर मूल्य के 21 समौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
मोदी ने चीन की कंपनियों को भारत में निवेश के ऐतिहासिक अवसरों का फायदा उठाने का आहवान किया। प्रधानमंत्री ने कहा, हमने भारत में व्यवसाय का माहौल बनाने और उसमें सुधार लाने का बीड़ा उठाया है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि यदि आपने भारत में कदम रखने का फैसला किया तो मुक्षे पूरा विश्वास है कि आपको कारोबार में उत्तरोत्तर और अधिक आसानी होगी। उन्होंने कहा कि कई चीनी कंपनियां भारत की संभावनाओं का दोहन करने के लिए हमारे यहां निवेश कर सकती हैं। भारत में विनिर्माण, प्रसंस्करण और ढांचागत क्षेत्र में निवेश के विशाल अवसर हैं। भारत में कारोबार की सुगमता के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हम कर व्यवस्था को पारदर्शी, स्थिर और भरोसेमंद बना रहे हैं। हमने कर प्रणाली में बहुत सी प्रतिकूल चीजों को समाप्त कर दिया है।