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दिल्ली मेट्रो दुनिया की दूसरी सबसे महंगी यात्री परिवहन सेवा


नई दिल्ली : दुनिया की सभी परिवहन सेवाओं में दिल्ली मेट्रो दूसरी सबसे ज्यादा महंगी मेट्रो सेवा है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट्स (सीएसई) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली मेट्रो से यात्रा करने वाला एक मध्यम आय वर्ग का व्यक्ति अपनी आय का 19.5 फीसदी पैसा यात्रा पर खर्च करता है। जबकि संगठन के विशेषज्ञों ने मानना है कि एक व्यक्ति को परिवहन के किसी भी तरीके पर आय का 15 प्रतिशत से ज्यादा खर्च नहीं करना चाहिए। मंगलवार को, सीएसई के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया में शहरी परिवहन प्रणाली की स्थिति को उजागर किया गया।

विशेषज्ञों ने कहा कि वियतनाम में हनोई के बाद दिल्ली मेट्रो दुनिया का दूसरा सबसे महंगा परिवहन साधन है। अफॉर्डेबिलिटी को यात्रियों की कुल आय का यात्रा पर खर्च के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है।यह गणना दिल्ली मेट्रो के लिए चौथी किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) की रिपोर्ट पर आधारित है, जो दिखाती है कि 30 फीसदी दिल्ली मेट्रो के यात्रियों की मासिक आय 20 हजार रुपये के भीतर है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मामले में, यह प्रतिशत हिस्सा उनकी आय का 22 फीसदी तक बढ़ जाता है। गौतम पटेल प्रधान सलाहकार (सहयोग) अहमदाबाद और गौरव दुबे सीएसई के प्रोग्राम मैनेजर (स्वच्छ वायु और सतत गतिशीलता) ने कहा कि कोई भी यातायात प्रणाली उनकी सेवाओं के बदल अपने उपयोगकर्ताओं से उनकी कमाई का 15 फीसदी से अधिक खर्च करवाने वाली नहीं होनी चाहिए। वहीं निम्न आय वर्ग के लोगों के मामले में यह खर्च 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

उदाहरण के लिए, दिल्ली में एक अकुशल मजदूर औसतन 534 रुपये की दैनिक मजदूरी कमाता है और उसकी आय से 80 रुपये (15 फीसदी) परिवहन पर खर्च करता है। सीएसई की गणना के अनुसार, यदि वह नॉन एसी बस में यात्रा करता है तो अपनी आय का करीब 8 फीसदी खर्च करेगा, एसी बस में सफर करने पर 14 फीसदी और दिल्ली मेट्रो में यात्रा करता है तो उसे 22 फीसदी खर्च करना पड़ता है।पटेल ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि दिल्ली मेट्रो द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता अच्छी है, लेकिन किराये को भी ध्यान में रखना जरूरी है। पिछले साल, चौथी एफएफसी की सिफारिशों के बाद मई और अक्टूबर में हुई दो बढ़ोतरी के बाद मेट्रो किराया लगभग दोगुना हो गया। दो बढ़ोतरी के बाद, अधिकतम किराया 30 रुपये से 50 रुपये और फिर 60 रुपये तक बढ़ गया। दिल्ली की परिवहन आयुक्त वर्षा जोशी ने कहा कि परिवहन नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार के लिए किराये में बढ़ोतरी की जरूरत है। हालांकि, इन्हें धीरे-धीरे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, सवाल यह है कि एक विशेष गुणवत्ता की सवारी के लिए किराया कितना सस्ता है। किराया के सूचकांक में एक संभावना यह है कि मुद्रास्फीति के लिए अनुक्रमित रूप से बढ़े हुए किराए को बढ़ाया जा सकता है।

हालांकि, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने इन किराया संशोधनों का बचाव करते हुए कहा कि इन्हें नौ साल के अंतराल के बाद संशोधित किया गया था, इस दौरान बिजली शुल्क और अन्य लागतों में लगभग 90 फीसदी की वृद्धि हुई थी। डीएमआरसी के कार्यकारी निदेशक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस) अनुज दयाल ने कहा किरायों को एक स्वतंत्र किराया निर्धारण समिति के माध्यम से संशोधित किया गया था न कि डीएमआरसी द्वारा। उन्होंने कहा कि इस साल मेट्रो ने 60 किमी से अधिक अपने नेटवर्क का विस्तार किया है और आने वाले महीनों में इसका 350 किमी का नेटवर्क होगा।

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