भारत, चीन, अमेरिका और फ्रांस में खत्म हो रहा है भूजल
नई दिल्ली : धरती पर पेयजल का सबसे बड़ा स्रोत संकट में है। कृषि, बढ़ती जनसंख्या और उद्योगों के विकास से एक तिहाई भूजल बेसिन में पानी तेजी से कम हो रहा है। इससे भारत, चीन अमेरिका और फ्रांस में बड़ी संख्या में लोग पानी को तरस सकते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ट्विन ग्रेस उपग्रहों की तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि 2003 से 2013 के बीच जितना पानी इन बेसिन में पहुंचता है, उससे कहीं ज्यादा उसका अवशोषण हो रहा है। इस तरह धीरे-धीरे भूजल बेसिन में पानी कम होता जा रहा है। सोना, लोहा, गैस और तेल के खनन से भी बेसिन प्रभावित होती हैं। इसके अलावा समंदर में ज्यादा पानी पहुंचने से भी यह समस्या गहरी हो रही है। दुनिया में 35 फीसदी पेयजल आपूर्ति भूजल बेसिन से होती है। पर सूखे के समय इन पर दबाव और बढ़ जाता है क्योंकि पानी के बाकी स्रोत जैसे नदी, नहर सूख जाते हैं। जैसे सूखाग्रस्त कैलिफोर्निया में अभी 60 फीसदी पानी की आपूर्ति भूजल से ही हो रही है, जो सामान्य रूप से 40 प्रतिशत ही होता है।