2 महीने बाद सुलझी बुराड़ी केस की गुत्थी, इस वजह से भाटिया परिवार के 11 लोगों ने दी थी जान
राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 22 साल से रह रहे भाटिया परिवार के 11 सदस्यों ने 30 जून 2018 की रात को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया था. बुराड़ी केस में पुलिस की थ्योरी में साफ़-साफ़ कहा गया था भाटिया परिवार ने मोक्ष पाने के लिए फांसी लगाई थी. वहीँ इस परिवार के बाकि लोगों का कहना था कि भाटिया परिवार की हत्या करके शवों को लटका दिया गया था ताकि लगे कि इन लोगों ने आत्महत्या की है, लेकिन अब 2 महीने बाद भाटिया परिवार के फांसी लगाने की असली वजह का खुलासा हो गया है.
दरअसल बुराड़ी केस मामले में मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी रिपोर्ट में अब ये खुलासा हुआ है कि भाटिया परिवार के 11 लोगों ने खुदकुशी नहीं की थी बल्कि अनुष्ठान करते समय दुर्घटनावश इन सभी की जान चली गयी. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जुलाई में CBI को बुराड़ी केस में साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी करने को कहा था जिसके बाद बुधवार की शाम को रिपोर्ट आई है.
इस रिपोर्ट में बताया गया है ‘’ मृतकों की मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी का अध्ययन करने के बाद ये पता चला है कि इन लोगों ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि ये अनुष्ठान करते समय इस दुर्घटना का शिकार हो गए. इन 11 लोगों में से कोई भी एक व्यक्ति अपनी जान नहीं लेना चाहता था’’. बता दें कि मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी के समय CBI की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला ने भाटिया परिवार के घर में मिले रजिस्टरों में लिखी हुई बातों और पुलिस के द्वारा दर्ज किये गए चूंडावत परिवार के लोगों और भाटिया परिवार के करीबी दोस्तों के बयानों का विश्लेषण भी किया गया है. CFSL ने भाटिया परिवार के सबसे बड़े बेटे दिनेश सिंह चूंडावत, उनकी बहन सुजाता नागपाल और अन्य रिश्तेदारों से पूछताछ की थी.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी किसी भी शख्स के मेडिकल रिकॉर्ड के बारे में पता करके, उसके दोस्तों और परिवार के लोगों से पूछताछ करके तथा मरने से पहले उस व्यक्ति की मानसिक दशा का गहन अध्ययन करके व्यक्ति की मानसिक स्थिति का पता लगाने की कोशिश की जाती है. सूत्रों ने बताया कि जांच में पता चला है कि भाटिया परिवार का बेटा ललित भाटिया अपने मरे हुए पिता के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करता था और उसके कहने पर परिवार के लोग बाकि काम करते थे. सूत्रों ने आगे बताया कि उसने ही परिवार के लोगों को ये अनुष्ठान करवाने के लिए पहले राजी करवाया और फिर उनके हाथ-पैर बांध दिए और चेहरे को कपड़े से ढक दिया. जिसकी वजह से उनकी मौत हो गयी.