महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सुझाव दिया है कि जेल में बंद मांओं से अलग किये गए बच्चों को हफ्ते में कम से कम तीन बार उनसे मिलने दिया जाए। बच्चों की तस्करी के मामले सामने आने के बीच यह सुझाव आया है।
गृह मंत्रालय को लिखा गया पत्र
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को लिखा है कि जेल नियमावली में ऐसा प्रावधान शामिल किया जाए जिसके तहत बच्चे जेल में बंद मां से हफ्ते में तीन बार मिल सकें, जिससे महिला का बच्चों से संपर्क कम न हो। इससे बच्चों की तस्करी के मामले भी कम होंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव उन खबरों के बाद आया है जिनमें कहा गया है कि जेल से रिहा होने के बाद कई बार मां अपने बच्चों की तलाश नहीं कर पाती हैं।
कई बच्चे हो जाते हैं तस्करी के शिकार
मेनका गांधी ने कहा कि जब जेल में कोई बच्चा पैदा होता है तो मां पांच वर्ष तक उसका पालन-पोषण वहां कर सकती है। पांच साल की उम्र के बाद बच्चे को मां से अलग कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि देखा गया है कि जिन मांओं से उनके बच्चे अलग हुए, उनमें से आधों को अपने बच्चों के बारे में कुछ पता ही नहीं होता। उनमें से कई बच्चे तस्करी के शिकार हो जाते हैं।
सप्ताह में तीन बार मिलने का हो प्रावधान
उन्होंने कहा कि हम जेल नियमावली के तहत एक प्रावधान की योजना बना रहे हैं। इसके तहत अगर बच्चा अलग किया जाता है तो उसे हफ्ते में तीन बार अपनी मां से मिलने का मौका दिया जाए और बच्चे को जिले से बाहर ले जाने की अनुमति न दी जाए।