फीचर्डराज्यराष्ट्रीय

ढाई करोड़ का फ्रॉड कर बन गया था बाबा

fraud babaनयी दिल्ली : पोस्टल एजेंट के रूप में फर्जी किसान विकास पत्र बेचकर लोगों को ढाई करोड़ रूपए से अधिक का चूना लगाने के बाद साधू बनकर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दस साल तक छकाने वाला बद्रीनाथ का स्वामी दुर्गेश महाराज आखिरकार कानून की गिरफ्त में आ ही गया। सीबीआई अधिकारियों की एक टीम ने दुर्योधन मिश्रा उर्फ दुर्गेश महाराज को गिरफ्तार कर लिया जो बद्रीनाथ में साधु के वेष में रह रहा था। मधुबनी निवासी मिश्रा 1990 के दशक में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कोलकाता में रहता था और किसान विकास पत्र आदि के लिए पोस्टल एजेंट का काम करता था। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि मिश्रा ने कोलकाता में एक डाक सहायक तथा एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर कथित तौर पर 2.63 करोड़ रूपए मूल्य के 263 फर्जी किसान विकास पत्र जारी किए।
सीबीआई के अनुसार इससे मिली राशि को तीनों ने आपस में बांट लिया। सीबीआई ने 2004 में जांच का जिम्मा संभाला और इसमें तीनों के बीच सांठगांठ का खुलासा हुआ। उस समय तक मिश्रा अपने परिवार के साथ कोलकाता से भाग चुका था। सीबीआई भगोडों की तलाश करती रही और इस कड़ी में मिश्रा के परिवार के जोधपुर में होने का पता लगा। लेकिन मिश्रा का कोई पता नहीं लगा। सीबीआई ने मिश्रा के परिवार की निगरानी जारी रखी और इस क्रम में उसे पता लगा कि मिश्रा की पत्नी को रात में नियमित रूप से दो नंबरों से फोन आते हैं। दोनों नंबर बद्रीनाथ के थे और उत्तराखंड में महिलाओं के नाम पर जारी किए गए थे। नंबर के सहारे सीबीआई के अधिकारी भक्तों के वेष में बद्रीनाथ पहुंचे और बाबा को धर लिया। सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी ने उसके बारे में जानकारी देने पर 50 हजार रूपए का इनाम रखा था। 2005 में कोलकाता की एक अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।

Related Articles

Back to top button