और आखिरकार कोर्ट ने शख्स को गुनहगार ठहराते हुए 160 साल की सजा का फरमान सुनाया। कोर्ट ने अपराधी के लिए 136 साल तक पेरोल न देने के लिए भी फैसला सुनाया।निकोलस को अब अपनी अंतिम सांस भी जेल की काल-कोठरी में लेनी होगी।
जिस उम्र में बच्ची का यौन उत्पीड़न किया गया उस समय उसे मालूम तक नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा है। वह अपने साथ हुए कुकर्म को लेकर खामोश रही। अब वह बच्ची 13 साल की हो चुकी है। खेलने कूदने की उम्र में वह पिछले साल निकोलस के एक बच्चे को भी जन्म भी दे चुकी है। निकोलस के कुकर्म के बाद ही उसे गर्भ ठहर गया था।