गाजियाबाद में बीएसएफ टुकड़ी के दो कांस्टेबल भिड़े, चली गोली से एक की मौत
गाजियाबाद : जिले में किसान आंदोलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए बृज विहार स्थित बाल भारती स्कूल में रुकी बीएसएफ बटालियन के एक सिपाही ने दूसरे सिपाही की सोमवार सुबह गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों के बीच रविवार को किसी बात को लेकर विवाद हो गया था।
पुलिस ने आरोपी सिपाही को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपित ने अपनी सर्विस गन से दूसरे सिपाही की हत्या की है। किसान आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रशासन द्वारा बी एस एफ की 95वीं बटालियन को साहिबाबाद ब्रिज विहार स्थित बाल भारती स्कूल में रोका गया था। रविवार रात करीब 8 बजे बटालियन स्कूल में पहुंची थी। स्कूल पहुंचने के बाद मृतक सिपाही जगप्रीत सिंह 30 निवासी गुरदासपुर पंजाब और अजीत सिंह निवासी मलकपुर पठानकोट के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। साथी सिपाहियों ने दोनों को शांत कराया इसके बाद सभी सोने चले गए। तड़के करीब 6 बजे अजीत ने अपनी सर्विस गन इंसास से जगप्रीत के सिर में दाईं ओर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। साथी सिपाहियों ने तुरंत आला अधिकारियों और पुलिस को मामले की सूचना दी। इसके बाद आरोपित अजीत को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। घटना के बाद बीएसएफ के डीआईजी एमएच खान और कमांडेंट विजय मौके पर पहुंचे। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया की अजीत से पूछताछ के बाद ही विवाद के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी। मामले की जांच की जा रही है जांच के बाद एफ आई आर दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा जाएगा। बटालियन के साथियों ने बताया कि मृतक जगप्रीत और आरोपित अजीत के बीच बेहद अच्छी दोस्ती थी। दोनों एक-दूसरे के साथ ही रहा करते थे। ऐसे में जांच अधिकारी घटना के पीछे किसी बड़ी वजह को कारण मान रहे हैं। एसएसपी का कहना है कि अजीत से पूरी पूछताछ के बाद ही घटना के कारण पूरी तरह स्पष्ट हो सकेंगे। अधिकारी घटना के पीछे कोई बड़ी वजह मानकर जांच कर रहे हैं। घटना के बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक बेहद चिंता में हैं। हत्या की जानकारी मिलने के बाद अभिभावक स्कूल के सामने खड़े होकर बच्चों की छुट्टी होने का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों ने स्कूल में किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित कर दिया है। उधर अभिभावकों का कहना है कि अगर स्कूल में हत्या हुई है तो उनके बच्चों की छुट्टी कर देनी चाहिए। घटना से बच्चों के मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ सकता है।