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राजनाथ बोले, राज्य रोहिंग्याओं का दे ब्यौरा

  • रोहिंग्या मामले पर राजनाथ सिंह बोले, राज्य सरकार इसकी पहचान कर केंद्र को सौंपे रिपोर्ट

  • भारत में बसे रोहिंग्याओं को लेकर देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह बड़ा बयान दिया है कि केंद्र ने राज्यों ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है जिससे उन्हें भारत से बाहर किया जा सके।

कोलकाता। भारत में रह रहे सभी रोहिंग्याओं को ‘अवैध आव्रजक’ बताते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकारों से रोहिंग्याओं की गतिविधि पर नजर रखने और उनकी निजी जानकारी हासिल करने को कहा गया है ताकि उन्हें वापस उनके देश भेजा जा सके, राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्यों को रोहिंग्या की पहचान करने और बॉयोमीट्रिक्स लेने को कहा गया है इसके साथ ही रिपोर्ट तैयार कर केंद्र को सौंपने का निर्देश दिया गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार म्यांमार के साथ कूटनीतिक तरीके से कार्रवाई शु्रू करेगी और उसके बाद हम इसका समाधान निकलेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हुई बैठक
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह कोलकाता दौरे पर हैं। यहां वो राष्ट्रीय और सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर देश के चार पूर्वांचल राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में बिहार, ओडिशा, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी , झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी शामिल हुए। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में बिहार के झारखंड के साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई।
खुफिया एजेंसियों ने केंद्र को किया अगाह
खुफिया एजेंसियों ने केन्द्र सरकार को अगाह किया है कि दक्षिण 24 परगना जिले के कैम्पों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमान देश के दूसरे हिस्सों में फैल रहे हैं। पिछले महीने शिलांग में रोहिंग्या मुसलमान का एक परिवार पकड़ा गया था, जो बंगाल के कैम्प से वहां रहने गया था। पिछले दिनों दार्जिलिंग की वादियों में भी इनके बसने की खबर प्रकाश में आई थी। खबर है कि विभिन्न माध्यमों से कैम्पों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को खाने-पीेन की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार इन्हें शरण दे रखी है।

आंन सान सू की ने की टिप्पणी

वहीं म्यांमार की नेता आंग सान सू की ने रोहिंग्या मामले पर कहा कि रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों के संकट को देश को बेहतर तरीके से संभाल सकता था। हनोई में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में चर्चा के दौरान पूछे जाने पर नोबेल पुरस्कार विजेता ने गुरुवार को यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से ऐसे कई तरीके हैं जिनसे इस मुद्दे से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है।

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