भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की जांच के लिए सीबीआइ की टीम सोमवार को भोपाल पहुंची। टीम का नेतृत्व कर रहे संयुक्त निदेशक (एंटी करप्शन विंग) आरपी अग्रवाल ने आते ही सबसे पहले मप्र एसटीएफ के सभी अफसरों को तलब कर मामले पर उनसे विस्तृत चर्चा की। सीबीआइ के स्थानीय दफ्तर में शाम पांच बजे से शुरू हुई यह मैराथन बैठक करीब रात 9.30 बजे तक चली। घोटाले से जुड़े 55 मामले एसटीएफ ने सीबीआइ के हवाले कर दिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद व्यापमं मामले की जांच के लिए सीबीआइ की 40 सदस्यीय टीम बनाई गई है। टीम के सदस्य यहां अलग-अलग समय पर पहुंचे। एसटीएफ के दो एआईजी राजेश चंदेल व कमल मौर्य ने सुबह 11 बजे सीबीआई दफ्तर पहुंचकर स्थानीय अधिकारियों के साथ लगभग पौन घंटे चर्चा की। इन अफसरों ने सीबीआइ द्वारा मांगे गए दस्तावेजों आदि की जानकारी ली, ताकि शाम की बैठक के दौरान इन्हें उपलब्ध कराया जा सके। टीम का नेतृत्व कर रहे आरपी अग्रवाल दिल्ली से दोपहर साढ़े तीन बजे फ्लाइट से राजधानी आए। अग्रवाल के यहां पहुंचने के कुछ ही मिनट बाद व्यापमं की जांच करने वाली मप्र एसटीएफ के प्रमुख सुधीर शाही और एआईजी आशीष खरे भी पहुंच गए। जानकारी के मुताबिक अग्रवाल ने सबसे पहले मध्यप्रदेश के स्थानीय अधिकारियों और अपनी टीम के सदस्यों से बातचीत की, इसके बाद एसटीएफ अफसरों के साथ उन्होंने जांच, निष्कर्षों तथा अन्य पहलुओं पर चर्चा की। ये भी पढ़ेंः कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, व्यापम छोटा घोटाला साथ ही पुलिस द्वारा बरामद एक्सल शीट, हार्ड डिस्क व अन्य दस्तावेजों के संबंध में भी बातचीत की। एसटीएफ ने जांच करके 55 प्रकरण अब तक एसआईटी को सौंपे हैं और लगभग 30 प्रकरणों पर एसटीएफ की जांच जारी है। इस बारे में अफसरों ने सीबीआई को पूरी जानकारी दी है। इनके अलावा जो प्रकरण कोर्ट में जा चुके हैं, उनके संबंध में यदि सीबीआई को फिर से जांच करने की जरूरत महसूस होगी तो वह कोर्ट से इसकी इजाजत मांगेगी। सीबीआइ प्रवक्ता आरके गौर के मुताबिक ‘सीबीआई ने एसटीएफ के एडीजी शाही से चर्चा की है तथा व्यापमं केस के संबंध में जानकारियां ली हैं। प्रकरण दर्ज करने में कुछ समय लग सकता है।