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आरुषि हत्याकांड : तलवार दंपति ने सीबीआई का अनुमान खारिज किया

arushiगाजियाबाद (एजेंसी)। आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड में मुख्य आरोपी आरुषि के अभिभावकों तलवार दंपति के वकील ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के उस अनुमान को खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि तलवार दंपति ने अचानक उत्तेजना में आकर दोनों की हत्या कर दी थी। बचाव पक्ष के वकील सत्यकेतु सिंह ने कहा कि सीबीआई का यह सिद्धांत गांधी नगर स्थित सीएफएसएल के वैज्ञानिक महेंद्र सिंह दहिया के बयान पर आधारित है और इसमें बहुत सी कमियां हैं। सत्यकेतु सिंह ने कहा कि दहिया कभी घटनास्थल पर नहीं गए। उन्होंने आगे कहा कि दहिया ने घटनास्थल के चित्रों एवं चिकित्सकों सुनील डोहरे और नरेश राय की गावहियों के आधार पर अपना यह बयान दिया था। दोनों चिकित्सकों ने पांच बार दी गई गवाहियों में कभी भी नहीं कहा कि आरुषि के तकिए पर हेमराज के खून के निशान मिले थे। लेकिन अपनी छठी गवाही में उन्होंने यह बयान दिया जो बी. के. महापात्रा की रिपोर्ट से मेल नहीं खाती।महापात्रा की रिपोर्ट के अनुसार आरुषि के कमरे से हेमराज के खून या डीएनए का किसी तरह का सबूत नहीं पाया गया। बचाव पक्ष ने आगे कहा कि डोहरे ने पहले तो कहा था कि पीड़िता के गुप्तांग में किसी तरह की विकृति नहीं पाई गई थी लेकिन छठी बार दिए गए बयान में उन्होंने कहा कि विकृत था। बचाव पत्र के एक अन्य वकील मनोज सिसौदिया ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर डोहरे ने इन सबूतों का जिक्र अंत्य परीक्षण की रिपोर्ट में या अपने पूर्ववर्ती बयानों में क्यों नहीं किया? बचाव पक्ष के वकीलों ने गुरुवार अपराह्न 2 से 4 बजे तक अपनी दलीलें रखीं। सीबीआई के न्यायाधीश ने बचाव पक्ष की गवाही के लिए मामले की सुनवाई की अगली तारीख 25 अक्टूबर तय की है।

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