अजब-गजब

मौत के 9 साल बाद पाचंवी बार जिला अस्‍पताल से आत्‍मा लेने पहुंचा परिवार,पूरा मामला जानकर उड़ जायेंगे होश

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला अस्पताल में अंधविश्वास का खेल रुक नहीं रहा है। चार माह में पांच बार परिजन मृतकों की आत्मा लेने पहुंचे हैं। शुक्रवार को राजस्थान के बूंदी जिले के ग्राम सत्तूर से एक युवक परिवार के साथ पिता की आत्मा लेने आया।

मौत के 9 साल बाद पाचंवी बार जिला अस्‍पताल से आत्‍मा लेने पहुंचा परिवार,पूरा मामला जानकर उड़ जायेंगे होश ओपीडी के मुख्य द्वार पर सुबह करीब 10 बजे एक दर्जन से अधिक महिला-पुरुष पूजा-अर्चना और तंत्र-मंत्र करने लगे। यह देख अस्पताल के कर्मचारियों व सुरक्षाकर्मियों ने सभी को बाहर निकाल दिया।

बेटे मुकेश ने बताया कि आत्मा ले जाने के पीछे कोई परंपरा नहीं है। पिता अमरलाल भाट की 9 साल पहले जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पिताजी की आत्मा बहन पुलनता के शरीर में आती है।

उन्होंने ही कहा था कि मुझे मंदसौर अस्पताल से ले जाओ। गेट पर पूजा की ही थी कि अस्पताल प्रबंधक, कर्मचारी एवं सुरक्षाकर्मियों ने सभी को बाहर निकाल दिया। इसके बाद बाहर बैठकर तंत्र-मंत्र किया और फिर वाहन से निकल गए।

जिला चिकित्सालय के प्रबंधक डॉ. हिमांशु यजुर्वेदी ने बताया कि अस्पताल परिसर में कुछ लोग पूजा-पाठ कर रहे थे। जानकारी मिलते ही उन्हें बाहर निकाल दिया। पुलिस को भी सूचना दी गई। राजस्थान की गाड़ी थी, कहां के लोग थे यह नहीं पता।

चार माह में हुई ये घटनाएं

10 मई 2018 : ग्राम कुंडालिया निवासी कारूलाल बारेठ की मृत्यु 35 वर्ष पहले जिला अस्पताल में हुई थी। 10 मई को कारूलाल का परिवार उसकी आत्मा लेने जिला अस्पताल पहुंचा। मुख्य द्वार पर ही यज्ञ और तंत्र-मंत्र क्रिया किया। परिवार के सदस्य राजू बारेठ ने बताया था कि कारूलाल की मृत्यु के बाद उनकी ज्योत यहीं रह गई थी, इस कारण घर-परिवार में मुसीबतें आ रही थीं।

– 13 मई 2018: चित्तौड़गढ़ निवासी दिनेश पिता शांतिलाल जायसवाल की फरवरी 2017 में मौत हो गई थी। 13 मई 2018 को उसके परिजन ने जिला अस्पताल के आपातकालीन कक्ष के समीप एक घंटे तक तंत्र-मंत्र किया। परिवार का कहना था कि मृतक की आत्मा भटक रही है, उसे हम लेने आए थे।

– 25 मई 2018 : मंदसौर जिले के ग्राम पिपलिया कराडि़या की एक महिला चंदाबाई बागरी की 8 साल पहले जिला अस्पताल में मौत हुई थी। 25 मई उसके परिजन जिला अस्पताल पहुंचे। गेट के पास पेड़ के नीच तंत्र-मंत्र कर चले गए। परिवार का कहना था कि चंदाबाई की मृत्यु के कुछ समय बाद पति सत्यनारायण की ममता से शादी हो गई। चंदाबाई पति की दूसरी पत्नी के शरीर में आकर कह रही थी कि मुझे जिला अस्पताल से घर लेकर आओ।

– 18 जून 2018 : ग्राम ढाबला निवासी राजीबाई की 30 साल पहले बीमारी के कारण जिला अस्पताल में मौत हो गई। बेटा माधोलाल 30 साल बाद मृत मां की आत्मा लेने जिला अस्पताल पहुंचा। गेट पर करीब 20 मिनट पूजा-पाठ कर परिवार ज्योत लेकर चला गया।

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