10 लाख लोगों ने छोड़ी एलपीजी सब्सिडी!
नई दिल्लीः लोगों को एल.पी.जी. सब्सिडी छोड़ने के साथ सरकार की सब्सिडी कम करने की मुहिम का असर दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘गिव इट अप अभियान’ लांच होने के बाद अभी तक करीब 10 लाख उपभोक्ताओं ने एल.पी.जी. की सब्सिडी छोड़ दी है। यही नहीं, सरकार केरोसिन पर भी सब्सिडी कैप लगाकर खर्च कम करने में जुट गई है। सरकारी खर्च कम करने और सब्सिडी का फायदा सही लोगों तक पहुंचाने की कोशिश में जुटी सरकार के लिए खुशखबरी है। अपनी इच्छा से एल.पी.जी. सब्सिडी छोड़ने की सरकार की मुहिम को लोगों से थम्पस अप मिलना शुरू हो गया है। पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक गिव इट अप अभियान को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। अभी तक तीनों ऑयल कंपनियों के करीब 10 लाख ग्राहकों ने एल.पी.जी. सब्सिडी छोड़ दी है। साथ ही, रोजाना 25 से 30 हजार लोग सब्सिडी सरैंडर कर रहे हैं।
तेल कंपनियां इस अभियान का दायरा बढ़ाने के लिए ऑडियो विजुअल मीडियम के अलावा इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम यानी आईवीआरएस के जरिए भी ग्राहकों से एल.पी.जी. सब्सिडी छोड़ने की अपील कर रही हैं। कंपनियों को उम्मीद है कि वो करीब एक करोड़ ग्राहकों को गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए राजी कर लेंगी। सब्सिडी खर्च कम करने के लिए अब सरकार ने केरोसिन पर भी सब्सिडी फिक्स करने का फैसला कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय 12 रुपए प्रति लीटर की दर से कंपनियों को मदद देगा। इसके ऊपर होने वाले नुकसान का बोझ कंपनियों को खुद उठाना होगा। हालांकि इसकी भरपाई सरकार एल.पी.जी. पर होने वाले नुकसान की पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेकर कर रही है।