गिरते रुपये और महंगे होते ईंधन की चुनौती के बीच केंद्रीय बैंक ब्याज दरों को लेकर शुक्रवार को फैसला लेगा. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन से चल रही बैठक शुक्रवार को खत्म होगी. समिति शुक्रवार को ही रेपो रेट में बदलाव को लेकर फैसला लेगा. रेपो रेट में बढ़ोतरी और कटौती का सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा. इससे आम आदमी के लिए कर्ज लेना सस्ता या महंगा साबित होगा.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में आज रेपो रेट की दरें तय की जाएंगी. विशेषज्ञों का मानना है किआरबीआई इस बार भी रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा. रॉयटर्स पोल में भी यही संभावना जताई गई है. दरअसल डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है. कच्चे तेल की कीमतें भी बढ़ती ही जा रही हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसे हालात बन रहे हैं, जिसकी वजह से आने वाले दिनों में भी इनकी कीमतें बढ़ते रहने की आशंका है. विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई के पास इस बार रेपो रेट बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि इकोनॉमी के सामने चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं.
बता दें कि अगस्त में भी ब्याज दरें बढ़ाई गई थीं. इस दौरान रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. इस बढ़ोतरी के बाद ब्याज दरें 6.50 फीसदी हो गई थी. इससे पहले जून में आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की थी. इस दौरान केंद्रीय बैंक ने इसमें 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी. इस बढ़त के बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी हो गया.