विवेक हत्याकांड में अब यूपी में हो रहा है ‘सिपाही विद्रोह’, हाथों पर बांधी काली पट्टी
जिस ख़बर पर यूपी पुलिस के बड़े अफसर कल से ना-ना कर रहे थे, आज उसी ख़बर पर उन्हीं अफसरों की बोलती बंद हो गई है. हत्या के आरोपी बर्खास्त कांस्टेबल के समर्थन में यूपी पुलिस के सिपाही काली पट्टी बांधकर ड्य़ूटी करने पहुंच गए. ऐपल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी प्रशांत चौधरी पर कार्रवाई के विरोध में यूपी पुलिस के सिपाहियों ने बगावती तेवर अपना लिया है.
डीजीपी की चेतावनी के बावजूद शुक्रवार को विभिन्न थानों के सिपाही ‘ब्लैक डे’ मना रहे रहे हैं. 5 अक्टूबर को एक तरह से शांतिपूर्ण सिपाही विद्रोह का नजारा दिखा. कई सिपाही ने बांह पर काली पट्टी बांधकर ड्यूटी पर पहुंचे. यूपी पुलिस ने ऐसे सिपाहियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. आपको बता दें कि एप्पल के सेल्समैनेजर विवेक तिवारी को आधी रात के वक्त गोली मारने वाले सिपाही को यूपी पुलिस के जवान हीरो बनाने पर तुले हैं.
माना जा रहा है कि एनकाउंटर करने की खुली आजादी देकर योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस का हौसला इतना बढा दिया कि अब वही पुलिस बगावती तेवर दिखाने लगी है.पुलिसकर्मी हत्या के आरोपी के समर्थन में काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी पर उतर आए हैं. यूपी पुलिस के अफसर गुरुवार से ही कह रहे हैं कि बगावत जैसी कोई बात नहीं. कल से ही यूपी पुलिस के बड़े अफसर कह रहे हैं कि काली पट्टी लगाकर विरोध जताने का प्लान पूरा नहीं होने दिया जाएगा.
हालांकि यह प्लान शुक्रवार को फेल नजर आया और कई विभाग के सिपाहियों ने काली पट्टी बांधी. आरोप के अनुसार इन सिपाहियों ने खुलेआम सर्विस कोड की धज्जियां उड़ाई. लखनऊ में विवेक तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार के पक्ष में प्रदेश पुलिस में उनके सहयोगी माहौल बनाने में लगे हैं.
विवेक तिवारी हत्याकांड में जेल में बंद दो सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में आज प्रदेश के हर जिले में पुलिसकर्मी काली पट्टी बांधकर ड्यूटी पर पहुंचे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ में भी गुडंबा, अलीगंज और नाका पुलिस स्टेशन पर कई सिपाही हाथों में काली पट्टी बांधे नजर आए. काली पट्टी बांधे सिपाहियों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. सवाल ये है कि इन हालात के लिए जिम्मेदार कौन है. पुलिस बेलगाम हो रही है. सिपाही सिपहसलार पर सवाल उठा रहे हैं तो ये चूक किसकी है. गिरेबान में झांकने की जरूरत किसे है.
आपको बता दें कि शुक्रवार को पुलिस से जुड़े कुछ संगठनों द्वारा इलाहाबाद और अन्य जगहों पर प्रस्तावित आंदोलन से एक दिन पहले गुरुवार को फेसबुक पर आपत्तिजनक विडियो डालने वाले एटा के कॉन्स्टेबल सर्वेश चौधरी को निलंबित कर दिया गया था. आपको बता दें कि रक्षक कल्याण ट्रस्ट द्वारा संचालित पुलिस सिपाहियों के संगठन अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर असोसिएशन ने 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाने की घोषणा की थी.
असोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आरोपियों पर से मुकदमी हटाने की मांग करते हुए कहा था कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. वहीं यूपी पुलिस ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और साथ ही कहा है कि सोशल मीडिया पर चल रहीं कुछ तस्वीरें पुरानी, फेक और मॉर्फ्ड भी हैं. आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्टों में सोशल मीडिया पर विरोध तेज करने वाले दो बर्खास्त सिपाहियों अविनाश पाठक और विजेंद्र यादव की गिरफ्तारी की बात भी सामने आ रही है.