इन कर्मचारियों के लिए शानदार रहेगा 2019, 10% तक बढ़ जायेगी सैलरी
नई दिल्ली : भले ही तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरते स्तर से देश की अर्थव्यवस्था को लगातार चोट लग रही हों, और लोगों की जेब को भी करारी चपत लग रही हो, लेकिन वेतनभोगी लोगों के लिए आने वाला साल खुशखबरी लाने वाला साबित होगा. भारत में 2019 में वेतनवृद्धि 10 प्रतिशत रहेगी. यह एशिया प्रशांत में सबसे अधिक होगा. विलिस टावर्स वाटसन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.
सर्वे में भारत में वेतनवृद्धि 10 फीसदी दिखाई गई है, जोकि एशिया एशिया प्रशांत में सबसे ज्यादा रहेगी. भारत के अलावा इंडोनेशिया में यह वृद्धि 8.3 फीसदी, चीन में 6.9 फीसदी, फिलीपींस में 6 फीसदी और हांगकांग तथा सिंगापुर में महज 4 फीसदी के हिसाब से रहेगी.
विलिस टावर्स वाटसन के डाटा सर्विस प्रैक्टिस लीडर संभव राक्यान ने बताया कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले वेतनवृद्धि की अच्छी संभावनाएं हैं. भारत में स्थिर आर्थिक विकास, प्रगतिशील सुधार और सभी क्षेत्रों में सतर्क आशावाद के कारण भारत में वेतन बढ़ने की अच्छी संभावनाएं हैं.
सर्वे के मुताबिक, मल्टीनेशनल कंपनियों के मुकाबले भारत की कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन पर खासा ध्यान दे रही हैं. राक्यान ने बताया कि भारत के केपीओ/बीपीओ या विनिर्माण क्षेत्र की एमएनसी में 10 फीसदी औसत वेतन वृद्धि की संभावनाएं हैं. हालांकि, भारतीय कंपनियों में कम वेतन वृद्धि दिखाई देगी जो कि उनके वित्तीय प्रदर्शन से अधिक सीधे जुड़ा हुआ है.
फार्मा क्षेत्र में होगी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
अभी तक महंगाई के चलते निजी कंपनियों के वेतनभोगी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के मामले में निराशा ही हाथ लग रही थी. लेकिन वैश्विक सलाहकार, ब्रोकिंग और समाधान कंपनी विलिस टावर्स वाटसन की 2018 की तीसरी तिमाही की वेतन बजट योजना रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में फार्मा क्षेत्र में सबसे अधिक 10.3 प्रतिशत की वेतनवृद्धि होगी. इसी तरह उपभोक्ता सामान तथा खुदरा क्षेत्र में वेतन 10 प्रतिशत बढ़ेगा.
बैंक और बीमा कर्मचारियों की भी होगी बल्ले-बल्ले
सर्वे में कहा गया है कि वित्तीय सेवा क्षेत्र मसलन बैंकों, एनबीएफसी तथा बीमा कंपनियों द्वारा 2019 में कर्मचारियों के वेतन में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी. यह 2017 में 9.1 प्रतिशत रही थी.
विलिस टावर्स वाटसन के डाटा सेवा प्रैक्टिस लीडर एशिया प्रशांत संभव राकयान ने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां जिनका भारत में केपीओ-बीपीओ या विनिर्माण परिचालन है, वे वेतन में औसतन दस प्रतिशत की वृद्धि करेंगी. डॉलर मूल्य में यह उनके परिचालन की लागत पर उल्लेखनीय वृद्धि नहीं होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल वेतनवृद्धि बजट का 42.6 प्रतिशत शीर्ष या औसत से अधिक प्रदर्शन करने वालों के लिए आवंटित किया गया है.