उइगर मुस्लिमों के प्रत्यर्पण को लेकर लगातार दबाव बना रहे चीन को मलयेशिया ने तकड़ा झटका दिया है। पिछले साल नवंबर में थाइलैंड की जेल तोड़कर भागे चीन के 11 उइगर मुस्लिमों को मलयेशिया की सरकार ने रिहा कर दिया है। जेल से फरार होने के बाद ये लोग गैर कानूनी तरीके से मलयेशिया पहुंच गए थे, जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। इसके बाद से चीन अपने नागरिकों के प्रत्यर्पण को लेकर मलयेशिया पर दबाव बना रहा था।
ह्यूमन राइट वाच ने किया फैसले का स्वागत
उइगर मुस्लिमों के वकील फाहमी अब्दुल मोइन ने रिहाई की पुष्टि की है। मोइन के मुताबिक, ‘रिहा किए गए सभी लोग मंगलवार को तुर्की रवाना हो गए। मानवता के आधार पर अभियोजन पक्ष ने इन पर लगे सभी आरोप वापस ले लिए थे, जिसके बाद इनकी रिहाई का रास्ता साफ हो सका।’
ह्यूमन राइट वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कैदियों को रिहा करने के मलयेशिया सरकार के फैसले का स्वागत किया है। एचआरडब्ल्यू एशिया के उप निदेशक फिल रॉबर्टसन ने आशंका जताते हुए कहा कि अगर इन्हें चीन के हवाले कर दिया जाता तो वहां उन्हें काफी प्रताड़ना झेलनी पड़ती। मई में मलयेशिया की कमान संभालने के बाद प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने चीन के साथ 20 अरब डालर की परियोजना पर रोक लगा दी थी। यह चीन के लिए पहला झटका था। जबकि इसके उलट पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजक को चीन का बेहद करीबी माना जाता था।