सहारा म्यूचुअल फंड का लाइसेंस हुआ कैंसल
मुंबई: सहारा समूह के खिलाफ ताजा कार्रवाई के तहत बाजार नियामक सेबी ने सहारा म्युच्युअल फंड का पंजीकरण रद्द कर दिया। सेबी का कहना है कि कंपनी यह कारोबार करने के लिए ‘सक्षम व उपयुक्त’ नहीं है और उसने कंपनी को अपना कारोबार किसी और फर्म (फंड हाऊस) को हस्तांतरित करने का आदेश दिया है।सेबी ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि आज से 6 महीने में सहारा म्युच्युअल फंड का पंजीकरण समाप्त हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की दो इकाइयों को 24,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि निवेशकों को लौटोन का जब से आदेश दिया है तभी से सहारा समूह की सेबी के साथ लंबी नियामकीय व कानूनी लड़ाई चल रही है। सेबी ने हाल ही में सहारा की एक कंपनी का पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का लाइसेंस रद्द कर दिया था। सेबी ने सहारा म्युच्युअल फंड व सहारा एस्सेट मैनेजमेंट कंपनी को निर्देश दिया है कि वह मौजूदा या नए निवेशकों से योजना-अभिदान स्वीकार करना तत्काल प्रभाव से बंद कर दे। इसके साथ ही सहारा एमएफ से कहा है गया है कि वह सहारा इंडिया फिनांशल कारपारेशन लिमिटेड व सहारा एस्सेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के कारोबार को नए प्रायोजकों तथा सेबी से मंजूरशुदा आस्ति प्रबंधन कंपनी को यथाशीघ्र स्थानांतरित करने का प्रयास करे। इसके साथ ही सेबी ने सहारा एमएफ के न्यासी मंडल से कहा है कि वह इस दौरान यूनिट धारकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करे व इस पर निगरानी रखे। हस्तांतरण के बाद न्यासी मंडल का पुनर्गठन करना होगा। अगर सहारा एमएफ इस हस्तांतरण की प्रक्रिया को 5 महीने में पूरा करने में विफल रहती है तो उसे निवेशकों को आवंटित यूनिट का पैसा अनिवार्य रूप से उन निवेशकों के खातों में डालना होगा। यह काम 30 दिन में निपटाकर कंपनी को अपना म्युच्युअल फंड परिचालन समेट लेना होगा। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य प्रशांत शरण ने 22 पन्नों के अपने आदेश में उक्त व्यवस्था दी है। उन्होंने आदेश में करर दिया कि सहारा इंडिया फिनांशल कारपोरेशन लिमिटेड (सहारा स्पांसर) व सहारा एस्सेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (सहारा एएमसी) ‘सक्षम व उपयुक्त इकाई नहीं’ हैं। उन्होंने कहा है, “मैंने पाया कि वे क्रमश: स्पांसर व आस्ति प्रबंध नकंपनी के रूप में काम करने के लिए पात्रता मानकों पर खरा उतरने में विफल रहे हैं।” आदेश के अनुसार सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय व सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों के खिलाफ अनेक कार्रवाइयों व प्रक्रियाआें के परिणाम स्वरूप सहारा एएमसी एमएफ नियमनों के अनुसार ‘सक्षम व उपयुक्त इकाई‘ नहीं रह गई है। राय एक साल से भी अधिक समय से जेल में हैं।