छोटे बच्चों को काजल लगाने से पहले हो जाइये सावधान, खराब हो सकती है बच्चे की आंख
हर मां अपने बच्चे की देखभाल को लेकर चिंता में रहती है। ऐसे में मां अपने बच्चे का पूरा ध्यान रखती हैं कपड़ों से लेकर उनकी मालिश तक। कई मांओं का मानना है कि काजल लगाने से बच्चे स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा काजल उन्हें बुरी नजर से भी बचाता है लेकिन कोई जानता है कि काजल लगाना बच्चे के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है भी या नहीं। जानें बच्चों को काजल लगाने के नुकसान-
काजल या सुरमा मेक-अप प्रोडक्टस में से एक है जो हर उम्र की ज्यादातर लड़कियां उपयोग करती हैं। काजल आंखों को उजागर करने और आंखों की नेचुरल ब्यूटी को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है। आज कई प्रकार के काजल के कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड मार्केट में उपलब्ध हैं। काजल छोटे बच्चों की आंखों में काजल लगाने की परंपरा बहुत समय से भारत में चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि बुजुर्ग बुरी नज़र को दूर करने के लिए नए जन्में बच्चों को काजल लगाते हैं जिसे काजल, कोहल या सुरमा भी कहा जाता है। काजल आंखों को संक्रमण और सूर्य की तेज किरणों से बचाता है और आंखों को साफ रखता है। लेकिन ये सभी मिथक और अंधविश्वास हैं। यह बातें आज के समय में कोई नहीं मानता है। बताया जाता है कि जन्में बच्चों को काजल लगाने से उनकी बचपन से ही खराब होना शुरु हो जाती हैं। आइए जानें क्या होता है काजल लगाने से नुकसान-
काजल घी और केस्टर के तेल के साथ ऑयल लेम्पस के सूट को मिलाकर घर पर तैयार करने वाला एक थिक ब्लैक पेस्ट होता है। पेडियट्रिशियन नई नवजात आंखों में काजल के उपयोग की सिफारिश नहीं करते हैं। इन्फेकशन-काजल लगाने से बच्चों की आंख से पानी बहना शुरू हो सकता है जिससे उसे इंन्फेक्शन होने का भी खतरा बना रहता है। खुजली- बच्चे को रोजाना काजल लगाने से काजल धीरे-धीरे उसकी आंख में जमने लगता है जिससे कि आंख में खुजली होने लगती है, धुंधला दिखाई देने लगता है या फिर एलर्जी भी हो सकती है।
दिमाग- अगर काजल में लेड अधिक मात्रा में हो तो यह बच्चे के दिमाग के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है जिससे कि दिमागी विकास अच्छे से नहीं हो पाता। ड्राई आंखे- अगर काजल लगाने के बाद बच्चा अपनी आंखों को मसलता है इसका मतलब उसे जलन हो रही है। तुंरत उसकी आंखों से काजल को हटा दें। वर्ना उसकी आंखे ड्राई हो सकती है।