हवाई सफर के दौरान यात्री जल्द ही इंटरनेट का इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे। हालांकि कॉल करने के लिए फिलहाल यात्रियों को थोड़ा इंतजार करना होगा। कॉलिंग के लिए सरकार ने मंजूरी देने से मना कर दिया है। दूरसंचार मंत्रालय में सचिव अरुणा सुंदराराजन ने बताया कि उनके मंत्रालय ने विमानों में मोबाइल सेवा शुरू करने के लिए विधि मंत्रालय को फाइनल नोटिफिकेशन भेज दिया है। अब विधि मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद सरकार की तरफ से तारीख का एलान कर दिया जाएगा।
फिलहाल लोगों को मिलेगी केवल डाटा सेवा
सुंदराराजन ने कहा कि फिलहाल यात्रियों को डाटा प्रयोग करने की सुविधा ही मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार की तरफ से सचिवों की कमेटी ने कॉलिंग करने पर सुरक्षा संबंधी सवाल खड़े किए हैं।
3 हजार मीटर की ऊंचाई पर मिलेगी सुविधा
ट्राई ने सुझाव दिया था कि एक बार एयरक्राफ्ट 3000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाए तो फोन करने की मंजूरी दे सकते है। इंटरनेट सर्फिंग करने के लिए अब आपको अपना फोन फ्लाइट मोड पर नहीं रखना पड़ेगा।
एयरलाइंस को लेना होगा लाइसेंस
फ्लाइट में वाईफाई इक्विपमेंट लगाने पर कंपनियों को ज्यादा खर्च उठाना पड़ेगा। टेलीकॉम मंत्रालय ने हवाई यात्रा के दौरान फ्लाइट में वॉयस, डाटा और वीडियो सेवा देने पर रेगुलेटर की राय मांगी थी। ट्राई ने अपने सुझावों में कहा था कि दुनिया की करीब 30 एयरलाइंस फ्लाइट में कॉल और इंटरनेट की सुविधा देती हैं। फ्लाइट में सुविधा देने के लिए अलग से लाइसेंस लेना होगा।
बिजनेस क्लास वालों को होगा फायदा
एयरलाइंस कंपनियों की इस सेवा का सबसे ज्यादा फायदा बिजनेस क्लास वालों को मिलेगा। लेकिन इकोनॉमी क्लास और लो कॉस्ट एयरलाइंस पर सफर करने वाले यात्री इस सर्विस का लाभ शायद ही लें, क्योंकि यह काफी महंगा पड़ेगा।
एयरलाइंस को लगाना पड़ेगा एंटिना
एयरलाइंस को वाई-फाई सेवा देने के लिए एंटिना लगाना पड़ेगा। वो वाई-फाई के सिग्नल या तो मोबाइल टॉवर से लेंगे अथवा सैटेलाइट से लेंगे। हालांकि कई इंटरनेशनल कंपनियां व्हाट्सएप और अन्य मैसेंजर सर्विस का प्रयोग करने वालों को मुफ्त में सर्विस देती हैं।
खर्च करने होंगे इतने रुपये
एयरलाइंस कंपनियां इसके लिए यात्रियों से आधे घंटे इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए करीब 1000 रुपये तक चार्ज कर सकती हैं। कंपनियों ने कहा कि हालांकि ये घरेलू यात्रियों के लिए महंगा होगा, क्योंकि छोटे रूट्स पर किराया ही काफी कम है। लेकिन यह फैसला विदेशी यात्रियों के लिए सही होगा। ऐसे लोगों को फिलहाल भारतीय हवाई सीमा में घुसने पर फोन को बंद करना पड़ता था।