नई दिल्ली: इंदिरा- मुजीब समझौते के तहत भारत और बंगलादेश के बीच शुक्रवार से मध्यरात्रि से एक दूसरे के सीमा क्षेत्र में स्थित बस्तियों के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बताया जा रहा है कि यह दिन भारत ने ऐतिहासिक दिन बताया। जैसे ही रात के 12 बजे वैसे ही उन्होंने तिंरगा फहराना शुरु कर दिया। इस मौके पर दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 31 जुलाई भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए ऐतिहासिक दिन होगा। इस दिन को उस जटिल मुद्दे का समाधान हुआ जो आजादी के बाद से लंबित था। आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच वर्ष 1974 में हुए एक समझौते के अनुसार भारतीय क्षेत्र में बंगलादेश की बस्तियां और बंगलादेश में भारतीय बस्तियों का आदान प्रदान होना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की बंगलादेश यात्रा के दौरान इस आशय के समझौते का क्रियान्वयन करने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए थे। दोनों देशों के बीच कुल 162 बस्तियों का लेन देन होना है। भारत 111 बस्तियां बंगलादेश को सौंपेगा जिनका कुल रकबा 17 हजार 160 एकड़ है जबकि बंगलादेश 51 बस्तियां भारत को सौंपेगा जिनका क्षेत्रफल 7110 एकड़ है। एक अनुमान के अनुसार इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 50 हजार लोग प्रभावित हुए है।