चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ ने की हड़ताल, कहा ठप्प कर दी जाएगी आवश्यक सेवाएं
लखनऊ: उत्तर प्रदेशीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ ने ऐलान कर दिया है कि पुरानी पेंशन के अतिरिक्त कुछ स्वीकार नही किया जाएगा। 25,26 और 27 की हड़ताल में शत प्रतिशत भागीदारी की जाएगी। उत्तर प्रदेशीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार 25,26 और 27 अक्टूबर 2018 को समस्त प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिए हो रही हड़ताल में पूर्ण रूप से शामिल रहेगें। महासंघ के महामंत्री रामनरेश यादव ने कहा जब तक पुरानी पेंशन बहाल नही होती है नही होती है तब तक कोई समझौता नही किया जाएगा। प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ स्वास्थ्य विभाग के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो आवश्यक सेवाएं भी ठप्प कर दी जाएगी। हड़ताल की तैयारी की जानकारी देते हुए महासघ के उपमहामंत्री सुरेश सिंह यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल के अलावा कुछ भी स्वीकार नही। सुरेश सिंह यादव ने यह भी कहा कि समस्त विभागों में लगभग चार लाख चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त है। सरकार द्वारा बारबार रोजगार देने की घोषणा अखबारो में की जाती है लेकिन यर्थाथ में कुछ नही है। सरकार की कथनी और करनी में अन्तर है। सुरेश सिंह यादव ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कम वेतन और संसाधनों के कारण अपने बच्चों को इंटर तक की शिक्षा दिला पाते है। ऐेसे में उनके पास सिर्फ चतुर्थ श्रेणी के पद पर ही नौकरी का रास्ता रह जाता है, राज्य सरकार ने चतुर्थ श्रेणी की भर्ती रोक कर उनका यह हक भी छीन लिया है।उन्होंने बताया कि 25,26 और 27 अक्टूबर को पूरे प्रदेश के कार्यालयों में तालाबंदी पूर्ण रूप से की जाएगी। इसके बाद भी सरकार न मानी तो अनिश्चिकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी। इस दौरान जगदीश सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष्ज्ञा रामबदल, मायादेवी, आशुतोष उपाध्याय, वशिष्ठ नारायण तिवारी,दूधनाथ, नौरिसपाॅल, शेख निसार अहमद, सीताराम यादव, केवी जोशी, द्वारिका प्रसाद पाण्डेय, के.के.मिश्रा, बजरंग बली पाण्डेय, रामकुमार मिश्रा, मान सिंह, रामजी तिवारी ओैर हरिकेश प्रसाद ने अपने विचार रखे।