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सरकार ने एक और भर्ती प्रकिया पर लगायी रोक, 32 हजार अनुदेशकों की भर्ती निरस्त

राज्य सरकार ने सपा सरकार का एक और फैसला पलट दिया है। 4000 उर्दू शिक्षकों के बाद उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32,022 शारीरिक शिक्षा के अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती रद्द की जाएगी। इस संबंध में आला अधिकारियों में सहमति बन गई है।

लखनऊ: राज्य की योगी सरकार ने सपा राज में शुरू की गई 32022 खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया रद्द करने के पीछे की वजह निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदंड के विपरीत होने को आधार बताया है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस भर्ती को करने के पक्ष में नहीं है। इसके लिए सरकार की दलील है कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उन्हीं स्कूलो में खेलकूद के अनुदेशक रखे जा सकते हैं जहाँ छात्र संख्या 100 से ज्यादा हो। दरअसल हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को दो महीने में नियुक्ति पूरी करने आदेश दिया था। आरटीई एक्ट के तहत जो अनुदेशक रखे गए हैं उनका मानदेय केंद्र सरकार देती है जबकि इस अनुदेशकों का मानदेय राज्य सरकार को अपने बजट से देना था। आरटीई के तहत 100 से अधिक छात्रों वाले वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक अंशकालिक अनुदेशक की नियुक्ति की जा सकती है। प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार ने 2016 में बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से चल रहे सौ से कम छात्र वाले विद्यालयों में भी 32022 कार्यानुभव शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और खेलकूद अनुदेशकों भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक अनुदेशक को 11 महीने के मानदेय पर संविदा पर रखना था। बीपीएड डिग्री धारकों की मांग पर पूर्वर्ती सपा सरकार में 19 सितम्बर 2016 को शारीरिक शिक्षा व खेलकूद के 32,022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती शुरू हुई थी। इनकी 11 महीने के लिए सात हजार रुपये मानदेय पर नियुक्ति होनी थी। इसके लिए 1,53,739 बीपीएड, डीपीएड, सीपीएड डिग्रीधारियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। मार्च 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद योगी सरकार ने अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। शासन स्तर पर हुए मंथन में पता चला कि सपा सरकार ने भर्ती प्रक्रिया आरटीई के मापदंड के विपरीत शुरू की थी। अनुदेशक केवल सौ से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में नियुक्त हो सकते हैं। जबकि सपा सरकार ने सौ से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में भी भर्ती प्रक्रिया शुरू की। सरकार की हरी झंडी के बाद विभाग ने यह प्रक्रिया निरस्त कर दी है। गौरतलब है कि अक्टूबर में ही सरकार ने चार हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त कर दी थी। अब अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के बाद अभ्यार्तियों में मायूसी का माहौल है।

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