भारत में भूमि अधिग्रहण एक मुश्किल काम : अरविंद
नई दिल्ली: भारत में भूमि अधिग्रहण को काफी मुश्किल काम बताते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिय़ा ने कहा कि कोई नया शहर बनाना हो अथवा कोई बड़ी परियोजना लगानी हो इनके लिए भूमि अधिग्रहण में 5 साल का समय तो आराम से लग जाता है। समावेशी और वहनीय शहरीकरण पर आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि देश में भूमि की उपलब्धता बड़ी चुनौती है और यह देश में बड़ी बहस का मुद्दा बन गया है। उन्होंने कहा, “यदि आप नए शहर बनाना चाहते हैं तो आपको जमीन चाहिए। कारोबार फलने-फूलने के लिए भी जगह चाहिए और इसके लिए आपको मौजूदा शहरों के बीच भी जगह की जरूरत होगी।”पनगढिय़ा ने कहा, “कुल मिलाकर शहर बनाना हो या दूसरी चीजों के लिए भूमि अधिग्रहण में करीब 5 साल तक का समय आसानी से लग जाता है। इतना समय तो तब लगता है जबकि भूमि अधिग्रहण में गैर-सरकारी संगठनों या न्यायिक प्रक्रिया अथवा किसी अन्य किस्म के विरोध की चुनौती नहीं हो और सामान्य प्रक्रिया चलती रहेे। इस प्रकार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है।”उन्होंने कहा कि आसपास भूमि की कमी है, इस समस्या से निपटने के लिए एक तरीका यह है कि उंचे भवन बनाए जाएं लेकिन इसमें भी दिक्कतें हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय शहरों में लो फ्लोर स्पेस (एफएसआई) सूचकांक की नीति को चुना है और जिसका कारण किराया बहुत ज्यादा है।