अजब-गजब

मुस्लिम है देवी मां का पुजारी, माता के अप्रसन्न होने पर पानी हो जाता है लाल

जोधपुर : राजस्थान के भोपालगढ़ क्षेत्र में एक गांव है बागोरिया, यहां मां के मंदिर में तेरह पीढ़ी से मुस्लिम परिवार पुजारी है। वर्तमान में पुजारी जमालुद्दीन हैं। बताते हैं कि 600 साल पहले सिंध प्रांत में अकाल पडऩे पर इनका खानदान यहां आकर रहने लगा था। इस मंदिर के पुजारी परिवार रोजा भी रखते हैं और मां की उपासना भी करते हैं। हालांकि पुजारी बनने वाला व्यक्ति तब तक ही नमाज पढ़ता है, जब तक कि वह पुजारी नहीं बन जाता। हालांकि उसे इस बात की इजाजत होती है कि मां की उपासना और नमाज दोनों एक साथ कर सकता है। गांव वाले बताते हैं कि हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक जमालुद्दीन नवरात्र के समय घर आकर हवन और अनुष्ठान करवाते हैं। जमालुद्दीन बताते हैं कि ये मां का आदेश है। नवरात्र के नौ दिनों तक वो मंदिर में रहकर उपवास करते हैं और माता रानी की सेवा करते हैं। कहते हैं कि 600 वर्ष पहले सिंध के मुस्लिम वहां अकाल पडऩे की वजह से अपने पशुधन के साथ मालवा मध्य प्रदेश की तरफ चले थे। रास्ते में ऊंट का पैर टूट गया और रात के विश्राम के लिए बागोरिया की पहाडिय़ों में रुके थे। रात में सोते वक्त इनके पूर्वज भागे खां को सपना आया, जिसमें मां ने कहा कि पास की बावड़ी से मां की मूर्ति निकली है। मां ने कहा कि उस मूर्ति की पूजा कर उसकी भभूत लाकर लगा दो ऊंट ठीक हो जाएगा। भागे खां ने ऐसा ही किया और उसके बाद ये परिवार यहीं रुक गया और फिर पूजा की परम्परा चल पड़ी। कहते हैं कि अगर माता रानी अप्रसन्न हो जाती हैं तो मंदिर के पास बनी बावड़ी का पानी लाल रंग का हो जाता है। उसके बाद गांव के लोग कीर्तन करते हैं और पूजा-पाठ के बाद सुबह तक पानी निर्मल हो जाता है। इतना ही नहीं गांव वाले बताते हैं कि भागे खां के जिस ऊंट की टांग पर भभूत लगाई गई थी, मृत्यु के बाद खाल उतारने पर पता चला था कि भभूत शरीर में जाकर चांदी की सलाइयों में परिवर्तित हो गई थी। नवरात्र में आज भी यहां मां के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं।

Related Articles

Back to top button