अद्धयात्म

इस दीपावली भूलकर भी घर ना लाएं लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति, वरना हो सकता है बहुत बड़ा नुकसान

शास्त्रों में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा गया है, लोग लक्ष्मी की कृपा पाने के लिये तरह-तरह के उपाय कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं, इसके लिये लोग घर पर मां लक्ष्मी की मूर्ति लाते हैं, लेकिन माता की मूर्ति को घर में रखने के नुकसान भी हो सकते हैं, क्या ये आपने कभी सोचा है, अगर नहीं तो आइये आपको बताते हैं कि देवी लक्ष्मी की मूर्ति रखने का सही तरीका क्या है।

ऐसी मूर्ति पूजाघर में ना रखें

पूजा घर में मां लक्ष्मी की मूर्ति जरुर रखनी चाहिये, लेकिन कई बार लोगों को जानकारी नहीं होती है, तो वो लक्ष्मी जी की खड़ी अवस्था की मूर्ति रख देते हैं, जिसे नहीं रखना चाहिये। माता के इस स्वरुप को घर में रखने से पूजा फलित नहीं होती है। पुराणों में माता लक्ष्मी को चंचल कहा गया है, इसलिये कभी भी उनकी खड़ी अवस्था वाली मूर्ति नहीं रखनी चाहिये, हमेशा अपने घर या मंदिर में माता की बैठी हुई अवस्था वाली प्रतिमा रखनी चाहिये।

उल्लू पर बैठी ना हो मूर्ति

मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू होता है, उल्लू का भी स्वाभाव चंचल माना जाता है, इसलिये देवी लक्ष्मी की मूर्ति कभी भी उल्लू पर बैठी हुई अवस्था में नहीं रखना चाहिये।

अधिकतर घरों में माता लक्ष्मी की मूर्ति के साथ ही गणेश जी की मूर्ति भी रखी रहती है, मान्यताओं के अनुसार माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं, उन्हें विष्णु जी के साथ ही रखना चाहिये, पास में गणेश जी को भी रख सकते हैं।

दीपावली पर गणेश लक्ष्मी को साथ रखें
भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को दीपावली के दिन ही एक साथ रखना चाहिये, दिवाली के दिन घर पर सुख-समृद्धि लाने के लिये मां लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की एक साथ पूजा करना चाहिये। माता लक्ष्मी की मूर्ति को कभी भी दीवार से सटाकर नहीं रखना चाहिये।

वास्तु के अनुसार इसमें दोष होता है, मूर्ति और दीवार के बीच कुछ दूरी बनाकर रखनी चाहिये।

सही दिशा में रखें मूर्ति
वास्तु के मुताबिक पूजा घर या फिर कहीं भी रखी देवी-देवताओं की मूर्ति को सही दिशा में रखना बेहद जरुरी होता है, देवी लक्ष्मी की मूर्ति को हमेशा उत्तर दिशा में ही रखना चाहिये, इससे बेहद शुभ फल मिलता है। कई लोग अपने घर के पूजा घर में लक्ष्मी की एक से ज्यादा मूर्ति और तस्वीर रखते हैं, ऐसा शास्त्रों में वर्जित माना जाता है। इसलिये ऐसा ना करें।

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