नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली को लेकर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार पर प्रहार करते हुये आज कहा कि दिल्ली पुलिस को आम आदमी पार्टी (आप)सरकार के अधीन होना चाहिये। केजरीवाल ने विधानसभा में अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार को दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिये या फिर पुलिस को दिल्ली सरकार के नियंत्रण में देना चाहिये। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और दिल्ली के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) प्रमुख मुकेश कुमार मीणा दिल्ली सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जंग और श्री मीणा एक स्पीडब्रेकर की तरह काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि एसीबी जब दिल्ली सरकार के अधीन थी तब 50 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा हमने एसीबी के जरिये दो माह के भीतर 50 अधिकारियों को गिरतार किया जबकि वर्तमान में केंद्र के अधीन एसीबी ने छह माह के भीतर किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया है।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के बहिष्कार के बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों की जांच के लिये सदन का विशेष सत्र बुलाकर आयोग गठित किये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। दूसरी तरफ भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता और ओमप्रकाश ने आयोग के गठन को अवैधानिक बताते हुये इसके विरोध में सदन का बहिष्कार किया । गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। अगर यह सरकार इस मुद्दे पर वाकई गंभीर है तो उसे दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी को भी आमंत्रित करना और उनका दष्टिकोण समझना चाहिये। विपक्षी नेता ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार राजनीतिक रूप से अपरिपक्व और अवसरवादी है। जांच आयोग का गठन करना इस सरकार के दायरे से बाहर है। महिला एवं बाल विकास मामलों के मंत्री संदीप कुमार ने कहा कि आयोग महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों के साथ ही उन पर मामलों की जांच करेगा जिन पर कार्रवाई नहीं की गई है।