फार्मूला-1 के मद्देनजर यमुना एक्सप्रेस-वे पर तेज गति पर रोक
ग्रेटर नोएडा (एजेंसी)। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर तीन दिवसीय फार्मूला वन इंडियन एफ-1 ग्रां पी शुक्रवार से शुरू हो गई। रेस को देखने के लिए रोजाना करीब 4० हजार दर्शकों के आने की संभावना है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने यातायात व कानून व्यवस्था के चाक-चैबंद इंतजामात किए हैं। रेस को सकुशल संपन्न कराने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कमर कस ली है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर फार्मूला वन रेस तक ओवर स्पीड चलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी टोल प्लाजा पर लगे आधुनिक उपकरणों के जरिए ट्रैफिक पुलिस चालान काटेगी। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का मालिकाना हक रखने वाली कम्पनी-जेपी समूह की भी कोशिश है कि इस दौरान एक्सप्रेस-वे पर कोई हादसा न हो जिससे आयोजन में कोई खलल पैदा हो।गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा से आगरा तक जेपी इंफ्राटेक द्वारा निर्मित 165 किलोमीटर लम्बे यमुना एक्सप्रेस-वे पर सड़क हादसे लगातार हो रहे हैं। 9 अगस्त 2०12 को एक्सप्रेस-वे को खोला गया था और 14 महीने में ही एक्सप्रेस-वे ने सड़क हादसे का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इन 14 महीनों के दौरान ग्रेटर नोएडा से आगरा के बीच तकरीबन 9०० सड़क हादसे हुए हैं जिसमें साढे़ तीन सौ से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जनवरी से अब तक एक्सप्रेस-वे पर रिकॉर्ड सड़क हादसे हुए हैं। करीब 1० महीने में यमुना एक्सप्रेस-वे पर करीब 625 सड़क हादसे हुए हैं जिसमें करीब 248 लोगों की जान चली गई है। यह सड़क हादसे लगातार होते ही जा रहे हैं जो जेपी के लिए भी चिंता का कारण बना हुआ है। नियमानुसार एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले वाहनों की स्पीड तय कर दी गई है मगर वाहन निर्धारित स्पीड से अधिक गति से दौड़ रहे हैं जिसके चलते सड़क हादसे हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस और जेपी की माने तो 8० फीसदी से अधिक सड़क हादसे ओवर स्पीड के चलते हुए हैं। इसलिए फामूर्ला वन के दौरान ओवर स्पीड पर कंट्रोल करने की रणनीति बनाई गई है। जेपी के प्रवक्ता कमर अहमद का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर स्थित टोल प्लाजा पर आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं।