नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई हिंदू संगठनों ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। संघ के अलावा बीजेपी के कई और नेताओं ने शीतकालीन सत्र में मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है। संघ की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि सरकार को राम मंदिर के लिए भूमि अधिग्रहण करने की जरूरत है साथ ही इस संबंध में कानून बनाया जाए। आरएसएस के सहसरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि राम मंदिर का मामला हिंदू बनाम मुस्लिम या मंदिर बनाम मस्जिद के बारे में नहीं है। अदालत ने पहले ही कह दिया है कि नमाज के लिए मस्जिद अनिवार्य नहीं है। वे खुली जगह पर भी नमाज पढ़ सकते हैं। वैद्य ने कहा कि राम मंदिर पर अब और चर्चा की जरूरत नहीं है।
मुंबई के ठाणे में संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दौरान मनमोहन वैद्य ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए अब और इंतजार नहीं किया जा सकता है। इससे पहले संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था, ‘उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में यह स्वीकार किया था कि उपरोक्त स्थान रामलाल का जन्म स्थान है। तथ्य और प्राप्त साक्ष्यों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि मंदिर तोड़कर ही वहां कोई ढांचा बनाने का प्रयास किया गया और पूर्व में वहां मंदिर ही था। संघ का मत है कि जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर शीघ्र बनना चाहिए और जन्म स्थान पर मन्दिर निर्माण के लिए भूमि मिलनी चाहिए। मन्दिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण निर्माण होगा। इस दृष्टि से सर्वोच्च न्यायालय शीघ्र निर्णय करे, और अगर कुछ कठिनाई हो तो सरकार कानून बनाकर मन्दिर निर्माण के मार्ग की सभी बाधाओं को दूर कर श्रीराम जन्मभूमि न्यास को भूमि सौंपे।’
वहीं विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी शीतकालीन सत्र में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की। वीएचपी के प्रवक्ता ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर वीएचपी प्रवक्ता ने कहा कि इससे फैसले में देरी होगी। वीएचपी ने कहा कि कि वह अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए अपने आंदोलन को और तेज करेगा।
वहीं महाराष्ट्र और केंद्र में बीजेपी सरकार की सहयोगी शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी कहा था कि कोर्ट अयोध्या मामले पर क्या फैसला देता है, हमारा ध्यान उस पर नहीं है। राउत ने कहा, ‘कोर्ट को पूछकर हमने बाबरी का ढांचा नहीं गिराया था। कोर्ट से अनुमति लेकर कारसेवक मारे नहीं गए थे। हम चाहते हैं राम मंदिर बनाया जाए। हम कराची-पाकिस्तान में राम मंदिर की मांग नहीं कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे अयोध्या में जाकर अपनी बात रखेंगे।’