अभी-अभी बड़ा ऐलान: अयोध्या में श्री राम की 151 मीटर ऊंची तांबे की प्रतिमा बनवाएगी योगी सरकार
अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में टलने के बाद से ही राम मंदिर को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. इन सबके बीच खबर है कि योगी सरकार अयोध्या में 151 मीटर ऊंची राम की तांबे की प्रतिमा बनवाने जा रही है. इस प्रतिमा को 36 मीटर के चबूतरे पर रखा जाएगा.
बता दें कि पिछले साल योगी सरकार ने 100 मीटर ऊंची भगवान राम की प्रतिमा लगाने की योजना का एलान किया था. तब ‘नव्य अयोध्या’ योजना के तहत धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने राज्यपाल राम नाईक को प्रपोजल भी दिखाया था.
330 करोड़ रुपये तक के खर्च का अनुमान
पर्यटन विभाग की ओर से भगवान राम की प्रतिमा को लेकर मई 2018 में योजना बनाई गई थी. ‘नया अयोध्या’ योजना के तहत सरयू नदी के किनारे प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा . इस पर 330 करोड़ रुपये तक के खर्च का अनुमान है. इसके साथ ही सरकार रामकथा गैलरी, पर्यटकों के ठहरने के स्थल, सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा, पुलिस बूथ, आवागमन के साधन सहित अन्य नागरिक सुविधायें जैसे शौचालय तथा जल निकासी की समुचित व्यवस्था करेगी. इससे पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि दिवाली पर वह बड़ी खुशखबरी लेकर अयोध्या जा रहे हैं.
पिछले साल भी सरकार ने किया था एलान
पिछले साल योगी सरकार की ओर से अयोध्या में 100 मीटर ऊंची भगवान राम की प्रतिमा लगाने की घोषणा की गई थी है. इस संबंध में तब योगी सरकार ने एक प्रस्ताव बनाकर राज्यपाल राम नाईक को भी दिखाया.तब प्रस्ताव में बताया गया था कि अयोध्या को पर्यटन मानचित्र पर ऊभारने के लक्ष्य से सरयू तट पर भगवान राम की भव्य प्रतिमा का निर्माण पर्यटन विभाग कराएगा. इसके लिये राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त लिया जाएगा.
वहीं शुक्रवार को उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के साथ बड़े संत भी हैं. निश्चित रूप से उन्होंने अयोध्या के लिए योजना बनाई है. दिवाली पर खुशखबरी का इंतजार करिए मुख्यमंत्री के हाथों वह योजना सामने आएगी कि तो उचित होगा. योगी ने यह भी कही था कि संत समाज तो धैर्य रखने वाला है, उन्हें थोड़ा और धैर्य रखने की जरूरत है. इधर राम मंदिर के मसले पर तेजी आई है आरएसएस समेत हिंदूवादी संगठनों ने आक्रामक रुख अपना लिया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने शुक्रवार को कहा कि जरुरत पड़े तो फिर से 1992 की तरह राम मंदिर के लिए आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर इंतजार काफी लंबा हो गया है.
भैयाजी जोशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरीके से राम मंदिर पर फैसला दिया उसे हम सब चकित हैं और इस टिप्पणी से हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर 30 साल से आंदोलन चल रहा है और कोर्ट को हिन्दुओं की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए.
राम मंदिर के लिए अध्यादेश के सवाल पर जोशी ने कहा कि अध्यादेश पर फैसला सरकार को करना है. उन्होंने कहा कि राम सबके हृदय में रहते हैं पर वो प्रकट होते हैं मंदिरों को द्वारा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं मंदिर बने.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को रात दो बजे मुंबई के रामभाऊ महालगी प्रबोधनी में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. इस दौरान संघ प्रमुख और शाह के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. माना जा रहा है कि राम मंदिर और लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीर्घ निर्माण के लिए अध्यादेश लाने या कानून बनाने की अपनी मांग को दोहराया था. आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय है और अभी तक अयोध्या विवाद का हल अदालतों में नहीं निकला है.
डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा था कि अब सरकार को चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण कर काम शुरू किया जाए और राष्ट्र के गौरव को बहाल करना चाहिए. वैद्य की यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल के मद्देनजर आई है जिसका उद्घाटन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया था.