सावधान! 2 घंटे से ज्यादा एक ही पोजीशन में बैठने से जा सकती है जान
एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर भारी दबाव पड़ सकता है। इसके अलावा, टेढ़े होकर बैठने से रीढ़ की हड्डी के जोड़ खराब हो सकते हैं और रीढ़ की हड्डी की डिस्क पीठ और गर्दन में दर्द का कारण बन सकती है। लंबे समय तक खड़े रहने से भी स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।अमेरिका स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के एक शोध के मुताबिक, दो घंटे या उससे अधिक समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहने से असमय मौत का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। शोध के अनुसार लगातार कुर्सी पर बैठे रहने से अलग-अलग बीमारियों से मौत का खतरा 27 फीसदी और टेलीविजन देखने से होने वाली बीमारियों से मौत होने का खतरा 19 फीसदी तक होता है।
शोध से जुड़े वैज्ञानिक कीथ डियाज ने कहा कि हम बैठने के तरीकों के बारे में सोचते हैं कि हम प्रत्येक दिन कितना बैठते हैं, लेकिन पिछले अध्ययनों में बैठने के तरीकों पर सुझाव दिया गया था। चाहे कोई व्यक्ति थोड़े-थोड़े समय के लिए बैठे अथवा लंबे समय तक बैठा रहे, उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। लंबे समय तक बैठे रहने से हमारी मांसपेशियां क्रियाशील नहीं रहती हैं, जिस कारण हमारे दिमाग को ताजा खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियों का वसा भी कम ही खर्च होता है, जिस कारण फैटी एसिड दिल की कार्य प्रणाली में रुकावट पैदा करता है। लंबे समय तक बैठे रहने से हमारा रक्तचाप उच्च होता है और खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर में वृद्धि तो होती ही है, साथ ही कई तरह के कैंसर तथा अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इसके कारण शरीर का उपापचय बिगड़ जाता है और अधिक इंसुलिन बनने लगती है।
इसके अलावा कुर्सी पर बैठते समय सीधे बैठें, साथ ही पैरों को जमीन पर रखें। कई बार कुर्सी पर बैठते समय लोग उसकी ऊंचाई बढ़ा देते हैं और पैर हवा में लटकते रहते हैं। यह बैठने की बहुत ही खतरनाक स्थिति है, क्योंकि हवा में पैर लटकने से कमर की हड्डी पर दबाव पड़ता है, जिससे घुटनों और पैरों में दर्द शुरू हो जाता है। इससे कमर और पैर के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी भी प्रभावित होती है। इसलिए कुर्सी पर बैठते समय पैरों को जमीन पर रखें। कभी भी आगे की तरफ झुककर न बैठंे। अपना पूरा वजन कुर्सी के पिछले वाले हिस्से पर जोड़कर रखें। कुर्सी पर अपने सिस्टम को सीधे आंखों के सामने रखें, जिससे गर्दन को ज्यादा तकलीफ न हो। काम के वक्त पैरों को क्रॉस करके बैठना भी सही नहीं है, क्योंकि टांगों को क्रॉस करके बैठने से पेरोनोल नसें दब जाने का डर रहता है।