नई दिल्ली : ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स पर जीवनसाथी ढूंढ़ने की रफ्तार बढ़ी है। खास बात यह है कि ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स पर महिलाओं की तुलना में पुरुष दोगुने से ज्यादा रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। रजिस्ट्रेशन करवाने के मामले में पुरुष 69 प्रतिशत और महिलाओं की भागीदारी 31 फीसदी है। अगले दो वर्ष में देश में मैट्रिमोनियल साइट्स पर रजिस्ट्रेशन करीब 60% वार्षिक दर से बढ़ने का अनुमान है। ऐसी साइट्स पर सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन फाइनेंशियल बैकग्राउंड, आईटी और इंजीनियरिंग क्षेत्र के युवा करवा रहे हैं। इसके साथ ही दूसरी शादी का चलन भी देश में बढ़ रहा है। शादी डॉटकॉम जैसी साइट्स पर करीब 10 प्रतिशत लोग दूसरी शादी के लिए भी रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। आम धारणा से उलट 35 फीसदी तक ऑनलाइन शादियों के रजिस्ट्रेशन छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्र से हो रहे हैं।इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम के मुताबिक वर्ष 2017-18 तक देश में ऑनलाइन मैट्रिमोनियल सर्च का बाजार करीब 2,400 करोड़ रुपए था, जिसके वर्ष 2020 तक 6 हजार करोड़ रुपए होने का अनुमान है। देश में करीब एक करोड़ शादियां प्रति वर्ष होती हैं। देश में होने वाली शादियों में अभी 10 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स की है। देश में इस क्षेत्र में सक्रिय प्रमुख मैट्रिमोनियल साइट्स 300 से 350 करोड़ रुपए वार्षिक राजस्व कमा रही हैं।
ऐसोचैम की निदेशक मंजू नेगी के मुताबिक मैट्रिमोनियल साइट्स के बढ़ने के पीछे मुख्य कारण जोड़े ढूंढने में आसानी, समय की बचत और योग्य पार्टनर का मिलना है। साइट्स पर खुद को रजिस्टर्ड करवाने वाले 21 से 35 वर्ष के युवा सर्वाधिक होते हैं। मैट्रिमोनियल साइट्स अप्रवासी भारतीयों के लिए भी बेहतर वर-वधू खोजने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। यही कारण है कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मिडिल ईस्ट से रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। ऐसी साइट्स पर युवक-युवतियों का रजिस्ट्रेशन 25 प्रतिशत परिजनों द्वारा किया जा रहा है। शादी डॉट कॉम के सीईओ गौरव रक्षित ने बताया कि पिछले 15 वर्ष में हम 50 लाख से अधिक शादियों के जोड़े मिलवा चुके हैं। हमारी वेबसाइट पर सर्वाधिक रजिस्ट्रेशन साल के आखिरी में और जनवरी-फरवरी महीनों के दौरान किए जाते हैं। हमारी साइट पर रजिस्टर्ड होने वाले युवक-युवतियों में से 75 प्रतिशत की उम्र 20 से 35 वर्ष होती है। उन्होंने कहा कि हम रजिस्ट्रेशन करवाने वाले प्रति व्यक्ति से 4,450 से 14,650 रुपए तक ले रहे हैं।
रामोजी फिल्म सिटी के प्रमुख राजीव जालनापुरकर कहते हैं कि ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट्स अपना बिजनेस बढ़ाना चाहती हैं और उनकी ओर से लगातार इंक्वायरी आती रहती है। वहीं, डेस्टीनेशन वेडिंग से बीते 20 वर्ष से जुड़े वेडिंग प्लानर सत्यपाल कुशवाह कहते हैं कि आज के युवा सेम प्रोफेशन वाले पार्टनर को ही पसंद कर रहे हैं। अब दूसरी शादी के लिए विधवा और विधुर के लिए सेक्शन या अलग ही वेबसाइट्स खुल गई हैं। हमारे पास अभी तक कोई भी ऐसा ऑर्डर नहीं आया है जो ऑनलाइन साइट्स द्वारा मिला हो। मैट्रिमोनियल साइट्स के अलावा शादियाें के लिए गिफ्ट, ज्वेलरी, कैटरर्स, वेडिंग कार्ड चुनने जैसे कार्यों के लिए भी स्टार्टअप हैं। जहां आपको वेडिंग गिफ्ट चुनने के अलावा उनकी खरीदारी करने के विभिन्न विकल्प मुहैया करवाए जाते हैं। करीब एक लाख करोड़ रुपए की वेडिंग इंडस्ट्री है।